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रघुराम राजन के वो पांच फैसले, जिनका फायदा आज भी आम आदमी उठा रहा

आरबीआई के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन एक बार फिर चर्चा में हैं। नोटबंदी के दौरान रघुराम को खुद नोट बदलवाने भारत आना पड़ा था। इसका खुलासा उन्‍होंने हाल ही में किया। वैसे राजन ने अपने कार्यकाल के दौरान कुछ ऐसे काम किए थे जिनका फायदा आज भी आम आदमी को होता है। आप भी जान लीजिए…

बड़े काम के ये 5 काम जो रघुराम राजन ने किए कस्‍टमर्स के लिए

1. बैंक से कटे-फटे नोट बदलना :
चीन के बाद भारत दूसरा ऐसा देश है जहां कैश का ज्‍यादा प्रचलन है। ऐसे में नोटों के रख-रखाव के दौरान कई बार वे फट जाते हैं। अब अगर आप बट्टे में उन नोटों को बदलते हैं तो उसका कुछ हिस्‍सा काट लिया जाता है। इससे मुक्‍ित दिलाने के लिए राजन ने बैंक से ही कटे-फटे नोट बदलने की सुविधा दी थी। एक आदमी प्रतिदिन बैंक ब्रांच से 5000 रुपये तक 20 कटे नोट बदल सकता है। यह सर्विस लोगों के लिए फ्री है।

2. एक बार मिलेगा फ्री क्रेडिट स्‍कोर :
ई-शॉपिंग के दौरान अक्‍सर आपको क्रेडिट स्‍कोर दिया जाता है। राजन ने इसे साल में एक बार फ्री कर दिया। यानी कि अब हर व्‍यक्‍ित को अधिकार है कि वह साल में कम से कम एक बार फ्री में अपने क्रेडिट स्‍कोर की रिपोर्ट पा सकता है। आरबीआई ने क्रेडिट इंफॉर्मेशन कंपनीज को साल में एक बार इलेक्‍ट्रॉनिक फॉर्मेट में क्रेडिट रिपोर्ट देने का आदेश दिया।

3. ऑनलाइन फ्रॉड होने पर पूरा पैसा वापस :
भारत में डिजिटल मार्केट के विस्‍तार को देखते हुए कई खतरे भी हैं। आप घर बैठे ई-शॉपिंग के जरिए कुछ भी सामान मंगा लेते हैं लेकिन कभी-कभार यह काफी रिस्‍की हो जाता है। उपभोक्‍ताओं को ऑनलाइन फ्रॉड से बचाने के लिए राजन ने नई योजना बनाई। यानी कि अगर कस्‍टमर अपने साथ हुए फ्रॉड की सूचना बैंक को 3 दिनों के भीतर दे देता है तो उसका पूरा पैसा वापस मिल जाएगा। अगर 3 दिन बाद सूचना देता है तो ग्राहक को 5 हजार रुपये तक नुकसान सहना पड़ सकता है।

4. सेविंग एकाउंट पर नहीं लगेगा फाइन :
अक्‍सर देखने को मिलता है कि लोग सेविंग्‍स एकाउंट तो खुलवा लेते हैं लेकिन उसे मेंटेन नहीं कर पाते। ऐसे में बैंक उनके एकाउंट पर मिनिमम एमाउंट से कम रकम होने पर फाइन लगा देता है। राजन ने इसे खत्‍म कर दिया। राजन ने कहा कि बैंक को पहले एकाउंट होल्‍डर को इंफार्म करके उन्‍हें एक महीने का वक्‍त देना चाहिए।

5. कार्ड ट्रांजैक्शन से जुड़े फ्रॉड रोकने के उपाय
कार्ड ट्रांजैक्शन से जुड़े फ्रॉड को रोकने के लिए आरबीआई ने सभी बैंकों के लिए चिप आधारित और पिन वाले एटीएम कार्ड जारी करना जरूरी बना दिया। एक तरफ आरबीआई ने कार्ड की सुरक्षा मजबूत कराई, वहीं 2000 से कम के ट्रांजैक्शन के लिए दो प्रमाणीकरण की प्रक्रिया को वापस भी लिया।

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