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यशवंत के ‘अर्थयुद्ध’ में फंसी सरकार, जवाब देने खुद मैदान में उतरेंगे जेटली

अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर घिरी मोदी सरकार की ओर से जवाब देने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली थोड़ी देर में प्रेस कान्फ्रेंस करेंगे। पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा के लेख के बाद शत्रुघ्न सिन्हा और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मोदी सरकार को घेरा है। अब जेटली शायद इसी मुद्दे पर अपने तर्कों को सभी के सामने रखेंगे। इससे पहले बुधवार को भी कैबिनेट बैठक के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि अर्थव्यवस्था को कोई खतरा नहीं है। हमारी अर्थव्यवस्था दुनिया की सबसे तेज बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। वहीं केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने भी लेख के जरिए सरकार का पक्ष रखा था।

यशवंत सिन्हा का सरकार पर वार- गिरती GDP के बीच नोटबंदी आग में तेल डालने की तरह
यशवंत ने पहले लेख और उसके बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा है कि अर्थव्यवस्था की स्थिति अच्छी नहीं है। सिन्हा ने कहा कि वह पिछले एक साल से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का वक्त मांग रहे हैं, लेकिन अभी तक नहीं मिला है। पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा ने डगमगाती अर्थव्यवस्था पर लेख क्या लिखा भारतीय राजनीति में एक बार फिर तूफान आ गया। मीडिया से बात करते हुए यशवंत सिन्हा भड़क गए और कहा कि मेरे द्वारा उठाए गए मुद्दों को राजनीतिक ना बनाएं। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा उठाए गए मुद्दे आर्थिक हैं।यशवंत सिन्हा ने कहा कि 8 लाख करोड़ रुपए का पैसा एनपीए में फंसा हुआ है। देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट हुई है। मुझे लगा कि बात को सामने रखना चाहिए। यशवंत सिन्हा ने कहा कि बैंक बुरी तरह से फंसे हुए हैं जिसके कारण बैंक ने कर्ज देना बंद कर दिया, अर्थव्यवस्था धीमी हुई। फिर नोटबंदी की और जीएसटी लागू कर दी गई जिसके बाद स्थिति बिगड़ती गई।

शत्रु ने भी किया है हमला
यशवंत के समर्थन में बीजेपी नेता शत्रुघ्न सिन्हा ने लिखा कि यशवंत सिन्हा ने भारतीय अर्थव्यवस्था को आइना दिखाया है, उनके सुझावों को ठुकराना एक बचपना ही होगा। यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी दोनों ही अनुभवी नेता हैं। दोनों किसी भी प्रकार की मंशा नहीं रखते हैं ना ही मंत्री बनना चाहते हैं। उन्होंने लिखा कि जो भी यशवंत सिन्हा ने कहा है कि वह पार्टी और देश के हित में है।

जयंत सिन्हा ने दिया था जवाब

जयंत सिन्हा ने कहा कि हम एक नई मजबूत अर्थव्यवस्था बना रहे हैं, जो कि लंबे समय में न्यू इंडिया के लिए फायदेमंद होगी। जयंत सिन्हा ने कहा है कि एक या दो क्वार्टर के डाटा को ना देखते हुए इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि हम अभी संरचनात्मक सुधार कर रहे हैं, जो कि लंबे समय के लिए हमारे लिए फायदेमंद होगा। सिन्हा ने कहा है कि हाल ही के दिनों में अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर कई तरह के आर्टिकल लिखे गए हैं। उन्होंने लिखा कि सरकार जो बदलाव कर रही है वह न्यू इंडिया की जरूरत हैं।

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