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मौत के बाद बिल नहीं चुकाने पर अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को शव ले जाने से रोका.

कुछ देर के लिए हक्के बक्के रह गये जब चिता पर रखी लाश की होंठ हिलने लगी।

डुमरी तुरिया पट्टी निवासी डायरिया पीड़ित गरीब 40 वर्षीय जलधर तुरी की मौत मंगलवार को दोपहर करीब तीन बजे इलाज के दौरान सरायढेला के एक नर्सिग होम में हो गई। मौत के बाद बिल नहीं चुकाने पर अस्पताल प्रबंधन ने परिजनों को शव ले जाने से रोक दिया, जिसके बाद मृतक के साथ आए लोगों ने नर्सिग होम में हंगामा करने लगे। हालांकि काफी देर तक कहा-सुनी व बकझक होने के बाद अस्पताल प्रबंधन ने करीब सात हजार रुपये लेकर शव उसके परिजनों को सौंप दिया, जिसके बाद लोग शांत हुए।

बता दें कि डायरिया होने पर पिछले पांच दिनों से उक्त नर्सिग होम में जलधर का इलाज चल रहा था। इलाज के क्रम में अस्पताल प्रबंधन ने लगभग 60 हजार रुपये का बिल बना दिया। मृतक की पत्नी अकली देवी राशि देने में असमर्थ है। नर्सिग होम संचालक ने रुपये नहीं मिलने पर रात तक शव को अपने कब्जे में रखा। इससे मृतक के परिजन दिनभर परेशान रहे। पत्नी ने बताया कि पति के दोनों आंखों से दिखाई नहीं पड़ती थी।

किसी तरह मजदूरी कर पति व चार बच्चों का भरण-पोषण कर रही थी। अचानक पति को डायरिया हो गया। जिसके बाद 2 अगस्त को उसे उक्त नर्सिग होम में भर्ती कराया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। इस संबंध में नर्सिग होम संचालक से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। पति के मौत के बाद पत्नी व बच्चों का रो-रोकर बुरा हाल है।

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