नई दिल्ली : मोदी सरकार ने अपनी कमाई बढ़ाने के लिए ऐसा दांव चला था, जिसका असर पूरे देश पर पड़ा था। इसको लेकर उसे खासे विरोध का सामना करना पड़ा और उसे लागू करने के तरीके पर सवाल भी खड़े किए गए थे। हालांकि अब सरकार का यह दांव उल्टा पड़ता दिख रहा है, जिसके चलते अब ज्यादा कर्ज लेने की नौबत आ गई है। इसको लेकर भारत सरकार की दुनिया भर में फजीहत भी हो सकती है।
इस वजह से बढ़ी सरकार की चिंता
जीएसटी कलेक्शन में कमी के बाद वित्त वर्ष 2017-18 में फिस्कल डेफिसिट टारगेट से ज्यादा होने की आशंका बढ़ गई है। हालात से निबटने के लिए सरकार ने वित्त वर्ष 2017-18 के जनवरी-मार्च क्वार्टर के दौरान कुल 93 हजार करोड़ रुपए जुटाने फैसला लिया है, जो पूर्व की योजना से 50 हजार करोड़ रुपए ज्यादा है। इसका मतलब साफ है कि सरकार अब ज्यादा कर्ज लेने जा रही है।
दुनिया भर में होगी फजीहत
गौरतलब है कि ग्लोबल एजेंसियां फिस्कल डेफिसिट के आधार पर किसी भी देश को रेटिंग देती है। भारत सरकार ने देश का फिस्कल डेफिसिट घटाने का टारगेट तय किया था। इसे देखते हुए ही रेटिंग एजेंसी मूडीज ने हाल में भारत की रेटिंग अपग्रेड की थी। लेकिन अब रेवेन्यू घटने से सरकार का टारगेट से चूकना तय माना जा रहा है। ऐसे में सरकार की दुनिया भर में फजीहत हो सकती है।