नई दिल्ली : इंटरनेशनल क्रेडिट रेटिंग एजेंसी सर्विस मूडीज ने भारत में आर्थिक सुधारों पर मुहर लगाते हुए 14 साल बाद भारत की सॉवरेन रेटिंग बढ़ाई है। मूडीज ने इसका आउटलुक भी पॉजिटिव से स्थिर कर दिया है। मूडीज द्वारा किया गया यह सुधार भारत के लिए बड़ा सकारात्मक कदम है। मूडीज ने इससे पहले वर्ष 2004 में भारत की क्रेडिट रेटिंग में सुधार करते हुए उसे बीएए3 किया था। वर्ष 2015 में संस्था ने भारत की क्रेडिट रेटिंग को स्थिर से बढ़ाकर सकारात्मक कर दिया था। बीएए3 न्यूनतम निवेश श्रेणी की रेटिंग थी जो जंक दर्जे से थोड़ी ही ऊपर है।
मूडीज ने भारत सरकार के बॉन्ड की रेटिंग BAA3 से बढ़ाकर BAA2 कर दी है। देश में हो रहे लगातार आर्थिक सुधार के चलते यह रेटिंग बढ़ाई गई है। BAA3 यह सबसे कम निवेश वाली स्थिति को दर्शाता है। इस रेटिंग में बदलाव यानि मूडीज के अनुसार भारत में निवेश का माहौल सुधरा है। इसलिए रेटिंग को BAA3 से बढ़ाकर BAA2 कर दिया है।
मूडीज़ का कहना है कि आर्थिक सुधारों से तेज वृद्धि होगी। वित्त वर्ष 2018 में जीडीपी ग्रोथ 6.7 फीसदी और वित्त वर्ष 2019 में 7.5 फीसदी रहने की संभावना है। वित्त वर्ष 2020 के बाद वृद्धि की रफ्तार में तेज बढ़त संभव है। इससे पहले 2004 में भारत की रेटिंग BAA3 थी और 2015 में रेंटिंग को स्टेबल से पॉजिटिव किया गया। मूडीज के अनुसार, रेटिंग में सुधार देश की सरकार द्वारा लिए जा रहे निर्णयों, उनका अर्थव्यवस्था पर किस तरह का असर पड़ रहा है उन आधारों पर लिया जाता है। मूडीज का मानना है कि मोदी सरकार ने सरकारी कर्ज के वृद्धि का जोखिम कम कर दिया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी इस बाबत ट्वीट कर कहा कि ‘मूडीज का मानना है कि नरेंद्र मोदी सरकार के सुधारों से भारत में कारोबारी माहौल में सुधार होगा, उत्पादकता में वृद्धि होगी, विदेशी और घरेलू निवेश को प्रोत्साहित करेगा और अंततः मजबूत और सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा’।
रोचक बात यह है कि इससे पहले अटल बिहारी बाजपेयी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के तहत ग्लोबल रेटिंग में बढ़त हुई थी।