मुंबई की प्रतिष्ठित संस्था ‘टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस’ नें अपनी सोशल ऑडिट रिपोर्ट में यह खुलासा किया है. पुलिस ने शिकायती आवेदन के आधार पर धारा 376 और 120 बी के साथ-साथ पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है
मुजफ्फरपुर में सरकार द्वारा संचालित बालिका गृह में रहने वाली बालिकाओं के यौन शोषण और उनके साथ हिंसा का सनसनीखेज खुलासा हुआ है. यह खुलासा मुंबई की प्रतिष्ठित संस्था ‘टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस’ नें अपनी सोशल ऑडिट रिपोर्ट में किया. इस खुलासे के बाद जिला प्रशासन की नींद उड़ी हुई है. इंस्टीट्यूट की रिपोर्ट के आधार पर जिला बाल कल्याण संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक ने महिला थाने में बालिका गृह का संचालन करने वाले एनजीओ ‘सेवा संकल्प एवं विकास समिति’ के कर्ता धर्ता और पदाधिकारियों पर केस दर्ज कराया है.
पुलिस ने सहायक निदेशक के शिकायती आवेदन के आधार पर धारा 376 और 120 बी के साथ-साथ पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज कर छानबीन शुरु कर दी है. एनजीओ से जुड़े सभी लोग फिलहाल ट्रेसलेस बताए जा हैं. जिला प्रशासन और पुलिस ने बालिका गृह में ठहराई गई सभी बालिकाओं को पटना और मधुबनी शिफ्ट करके होम को अपने कब्जे में ले लिया है.
बता दें कि पिछले दिनों टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस की कोशिश टीम ने ‘समाज कल्याण विभाग’ द्वारा संचालित संस्थाओं की सोशल ऑडिट रिपोर्ट ‘समाज कल्याण विभाग’ पटना के निदेशक को सौंपी. इस रिपोर्ट के पेज नंबर 52 पर मुजफ्फरपुर में चल रहे बालिक गृह के कार्यकलाप पर गंभीर सवाल उठाए. रिपोर्ट में ऑडिट टीम ने दावा किया कि बालिक गृह में रहने वाली कई बालिकाओं ने यौन उत्पीड़न का खुलासा किया है.
रिपोर्ट में टाटा संस्था ने ‘सेवा संकल्प एवं विकास समिति’ के खिलाफ तत्काल कानूनी प्रक्रिया शुरू करने और गहन छानबीन के साथ करेक्टिव ऐक्शन लेने की सलाह दी है. निदेशक समाज कल्याण पटना के निर्देश पर मुजफ्फरपुर की बाल संरक्षण इकाई ने सभी बालिकाओं को संस्था से मुक्त कराकर पटना और मधुबनी भेज दिया है. इस मामले में पुलिस ने कहा है कि बालिका गृह का कृत्य संज्ञेय अपराध है और इसकी गहन छानबीन की जाएगी.