बेली रोड पर लालू प्रसाद के शॉपिंग मॉल को लेकर चर्चा में रहे राजद विधायक अबू दोजाना ने सरकार के कायदे कानून को ठेंगा दिखाकर एक विवादित जमीन पर बहुमंजिला मॉल भी बना दिया है। दिलचस्प है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 2006 में इस जमीन पर बुलडोजर चलवाया था।
बता दें कि अबू दोजाना ही बेली रोड पर राजद प्रमुख के मॉल का भी निर्माण करा रहे थे। रेलवे के होटल को लीज पर देने के बदले कोचर बंधुओं से अर्जित इस जमीन को बेनामी संपत्ति घोषित करते हुए प्रवर्तन निदेशालय ने फिलहाल जब्त कर लिया है। सीबीआइ ने इस घोटाले में लालू प्रसाद, तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी सहित 16 के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है।
डाकबंगला चौराहे पर हरिनिवास कांप्लेक्स के बगल में बने इस मॉल के खिलाफ पटना नगर निगम आयुक्त के न्यायालय में निगरानी मुकदमा संख्या 200 ए 2013 चल रहा है। सबसे मजेदार है कि अफसरों ने चार साल तक मामले को जानबूझकर ठंडे बस्ते में डाले रखा। इस दरम्यान यह मॉल पूरी तरह से न सिर्फ बनकर तैयार हो गया बल्कि इसमें कई बड़ी कंपनियों के शोरूम खुल गए।
हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के आदेश पर राजधानी में आयुक्त के नेतृत्व में जोर शोर से अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चल रहा है। फ्रेजर रोड से डाकबंगला के बीच भी यह अभियान चला, लेकिन अबू दोजाना की हैसियत का अंदाज इसी से लग सकता है कि बिना पर्याप्त पार्किंग के बने इस मॉल पर किसी की नजर तक नहीं गई।
पटना नगर आयुक्त न्यायालय में जो मुकदमा चल रहा है उसमें कहा गया है भूखंड का स्वामित्व स्पष्ट होने के बावजूद पुराने नक्शे की वैधता समाप्त होने के बाद भी बिना अधिकार के वास्तुविद द्वारा नक्शा बदल दिया गया।
यही नहीं, बिल्डर इस नक्शे से हटकर निर्माण करा रहे हैं। संशोधित नक्शे में भूखंड का क्षेत्रफल भी बदल दिया गया। सेट बैक में चार मीटर से अधिक का डेविएशन है। वास्तव में सड़क चौड़ीकरण छोड़ा नहीं गया है। यह निर्माण उपविधि का खुल्लम-खुल्ला उल्लंघन है।
पटना नगर निगम ने मामले में भूस्वामी बेगम सईदा मेंहदी इमाम के पावर आफ एटार्नी होल्डर फैज मुर्तजा अली, बिल्डर गणपति डेवलपर्स और अबू दोजाना की मेरेडियन कंस्ट्रक्शन लिमिटेड को प्रतिवादी बनाया है।
चार साल पहले मामले की सुनवाई करते हुए हुए न्यायालय ने मेरेडियन कंस्ट्रक्शन के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक अबू दोजाना को हैबिचुअल आफेंडर यानी आदतन अपराधी बताते हुए उनपर दस लाख रुपये का जुर्माना किया और कहा कि उनके द्वारा लगातार भवन उप विधि का माखौल उड़ाते हुए निर्माण कराया जा रहा है। पार्किंग की व्यवस्था नहीं है।
नक्शे के मुताबिक 4000 वर्ग मीटर से अधिक पार्किग होनी चाहिए जबकि भवन में 600 वर्ग मीटर पार्किंग है। उत्तर बेली रोड सड़क 7.73 मीटर और पश्चिम बंदर बगीचा तरफ 2.5 से 2.90 मीटर सड़क चौड़ीकरण के लिए जमीन छोडऩी थी जो नहीं छोड़ा गयी है।
पटना नगर आयुक्त के यहां 12 सौ से अधिक मामले लंबित हैं। 2007 से पहले पटना क्षेत्रीय विकास प्राधिकार में अवैध निर्माण के मामले दर्ज होते थे। 2007 में पीआरडीए के निगम में विघटित होने के बाद से नगर आयुक्त को ऐसे मामलों की सुनवाई का अधिकार मिल गया है।
आपको किसी ने गलत सूचना दी है। यह विवादित जमीन नहीं है, बल्कि पूर्व मंत्री रघुनाथ पांडेय के पुत्र अमर पांडेय की खरीदी हुई जमीन है। मॉल उन्होंने ही बनवाया है। हम विधायक होने के साथ-साथ कंसल्टेंसी का भी काम करते हैं। अमर ने मुझे सही कागजात दिखाए और डिजाइन दिया तो हमने मॉल बनवा दिया। आप भी जमीन दीजिएगा तो हम बना सकते हैं।