मिशनरीज ऑफ चैरिटी से संचालित निर्मल हृदय के पास अविवाहित माताओं की एंट्री व बच्चों के जन्म का रिकॉर्ड नहीं है। निर्मल हृदय की संचालिका सिस्टर मेरेडियन उर्फ मेरी ने कोतवाली पुलिस को यह लिखित जानकारी दी है। संचालिका ने कई सवालों के उलझे हुए जवाब भी दिए हैं। कहा है कि इनसे संबंधित रजिस्टर अनुपलब्ध है।
बैंक के विवरण में कहा है कि एक खाता चलता है, जिसमें मिशनरीज ऑफ चैरिटी से फंड मिलता है, जबकि सालाना 20 लाख के आसपास का आय-व्यय दिखाया है। कई सवालों के जवाब में कहा है कि रजिस्टर से मिलान करने पर ही जवाब दिया जा सकेगा। निर्मल हृदय से मिले इस जवाब को कोतवाली पुलिस ने सीआइडी को सौंप दिया है।
11 जुलाई को कोतवाली इंस्पेक्टर श्यामानंद मंडल ने निर्मल हृदय को नोटिस भेजकर नौ बिंदुओं पर जवाब मांगा था। रिपोर्ट में संस्था की आय का स्रोत, व्यय, खर्च का ब्यौरा, कामकाज के तरीके और पीड़िताओं के भर्ती होने के संबंध में प्रश्न पूछे गए थे।
निर्मल हृदय हृदय से जब्त रजिस्टर में केवल 121 अविवाहित माताओं से बच्चों के जन्म का रिकॉर्ड है। इस रजिस्टर की एंट्री के रिकॉर्ड में सीरियल नंबर 822 से शुरू होकर 943 तक का रिकॉर्ड है। इसके अनुसार एंट्री में 943 बच्चों का जन्म हुआ है। जब्त रजिस्टर में पहले बच्चे की एंट्री चार मार्च 2016 दर्शाई गई है। वहीं आखिरी बच्चे की एंट्री 26 जून 2018 की है।
बच्चा बिक्री से संबंधित मामले की जांच अब सीआइडी कर रही है। मामला सामने आने के बाद सीडब्ल्यूसी अध्यक्ष रूपा कुमारी ने तीन जुलाई को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। दर्ज प्राथमिकी में चार बच्चों की बिक्री की बात कही थी। पांच को नामजद अभियुक्त बनाया था। बाद में केस में अलग-अलग नाम भी जुड़े हैं। वहीं प्रत्यक्ष तौर पर बिके बच्चों को पुलिस ने बरामद भी कर लिया था।