महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इससे पहले यह संभावना जताई जा रही थी कि पार्टी विधान परिषद से उनकी सदस्यता खत्म करने की प्रक्रिया शुरू कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बीजेपी की ओर से अभी उन्हें पार्टी में लेने का पक्का वादा नहीं मिला है। हालांकि, कहा जा रहा है कि वे अकेले होकर भी आगे का राजनीतिक सफर तय करने की घोषणा कर सकते हैं। एक कांग्रेस नेता ने कहा कि राणे ने खुद ही पार्टी से संबंध खराब कर लिए थे। क्योंकि वे कांग्रेस के टॉप नेताओं के खिलाफ लड़ाई का आह्वान कर रहे थे।
शिवसेना में रह चुके हैं राणे
मनोहर जोशी के पद से हटने के बाद बाल ठाकरे ने नारायण राणे को सीएम बनाया था। करीब नौ महीने तक सीएम पद पर काबिज रहने के बाद राणे और बाल ठाकरे के बेटे उद्धव के बीच खींचतान होने लगी। क्योंकि असली बागड़ोर उस वक्त उद्धव संभालने लगे थे। इसके बाद भाजपा- शिवसेना गठबंधन चुनाव हार गया और राणे विपक्ष के नेता बन गए। फिर 2005 में राणे को पार्टी से बाल ठाकरे ने यह कहते हुए निकाल दिया कि नेता हटाने और चुनने का अधिकार शिवसेना में मुझे ही है। शिवसेना से निकाले जाने के बाद राणे ने कांग्रेस का दामन थाम लिया।