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मरीना बीच भारत का पहला और विश्व का दूसरा सबसे लंबा तट

चेन्नई का मरीना बीच फिर एक बार चर्चा में है। डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि ने मंगलवार शाम चेन्नई के कावेरी अस्पताल में अंतिम सांस ली थी। राज्य की अन्नाद्रमुक सरकार और द्रमुक के बीच समाधि स्थल को लेकर मंगलवार रात से चल रही कानूनी लड़ाई बुधवार सुबह खत्म हो गई। मद्रास हाईकोर्ट ने कहा कि समाधि स्थल मरीना बीच पर बनाया जाए। मरीना बीच पर स्थित अन्ना मेमोरियल में ही समाधिस्थल बनाने की मंजूरी दी है। अन्ना मेमोरियल करुणानिधि के मार्ग दर्शक अन्नादुरै की याद में बनाया गया था। मरीना बीच भारत का पहला और विश्व का दूसरा सबसे लंबा तट है। इसकी कुल लंबाई करीब 13 किमी है।

1. मशहूर तमिल राजनेताओं के लिए अंतिम भूमि
डीएमके के संस्थापक अन्नादुरै को भी यहां दफनाया गया था। इसके अलावा एआईएडीएमके के संस्थापक एमजी रामचंद्रन और तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता को भी यहां दफनाया गया था। जयललिता की तरह करुणानिधि भी द्रविड़ मूवमेंट से जुड़े रहे हैं। द्रविड़ मूवमेंट से जुड़े नेता सामान्य हिंदू परंपरा के खिलाफ नाम के साथ जातिसूचक टाइटल नहीं लगाते हैं। इसलिए इन्हें दफनाया जाता है।

2. ऐसे चेन्नई का तट बना मरीना बीच
चेन्नई के इतिहासकार वी. श्रीराम के ब्लॉग ‘द मरीना’ में इससे जुड़ी कई दिलचस्प बातों का जिक्र किया गया है। उनके ब्लॉग के अनुसार 19वीं शताब्दी से इस तट को मरीना बीच के नाम से जाना जाता है। 1881 में तत्कालीन गवर्नर रहे सर माउंटस्टूअर्ट एल्फिनस्टोन को इस बीच पर जाना और देखना काफी पसंद था। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान इसे खूबसूरत बनाया और इसके किनारों पर कई निर्माण भी कराए। बाद में इस तट को मरीना नाम दिया। यह एक इटैलियन शब्द है, जिसका मतलब होता है पानी से भरा एक किनारा।

3. कई ऐतिहासिक इमारतें हैं यहां
ज्यादातर लोग सोचते हैं कि यह सिर्फ एक बीच है। लेकिन ऐसा नहीं है। मरीना बीच पर स्थित एक्वेरियम और आईस हाउस आकर्षण का केंद्र हैं। 224 साल पुराना चेपॉक पैलेस भी यही हैं। यह 1768 से 1855 तक आर्कोट के नवाब का आधिकारिक निवास था। इसे वास्तुकला की इंडो-सरसेनिक शैली में बनाया गया था। सीनेट हाउस, पीडब्ल्यूडी ऑफिस, प्रेसीडेंसी कॉलेज और चेन्नई यूनिवर्सिटी मरीज बीच के किनारे पर स्थित है।

4. महान हस्तियों के स्टैच्यू
परिश्रम की विजय को दर्शाते स्टैच्यू और महात्मा गांधी की प्रतिमा यहां मौजूद है। इसके अलावा स्वामी विवेकानंद, डॉ. एनी बेसेंट, सर थॉमस मॉनरो, सुब्रमनिया भरतियार, एमजी रामचंद्रन, शिवाजी गणेशन, कन्नगी कमराजर समेत कई दिग्गजों के स्टैच्यू लगाए जा चुके हैं।

5. स्वतंत्रता सेनानियों की होती थी बैठक
यह बीच सिर्फ तनाव दूर करने और यहां की खूबसूरती का आनंद उठाने के लिए ही नहीं बल्कि महत्वपूर्ण बैठकों के लिए भी जाना जाता है। स्वतंत्रता सेनानी मरीना बीच के किनारे ही ज्यादातर बैठके आयोजित करते थे। इसके अलावा कई राजनेताओं को यहां आना और इसकी खूबसूरती का आनंद उठाना बेहद पसंद था। इसे खूबसरत बनाने में सर

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