कानपुर- भारतीय तेज गेंदबाज भुवनेश्वर कुमार का कहना है कि अतिरिक्त गति से गेंदबाजी करने के साथ गेंद की स्विंग बरकरार रखना उनकी सफलता का राज है। भुवनेश्वर ने जसप्रीत बुमराह के साथ मिलकर भारत के लिए सीमित ओवरों के क्रिकेट में नई गेंद का प्रभावी आक्रमण बनाया है। यॉर्कर और अन्य विविधताएं भी उन्हें डेथ ओवरों का अच्छा गेंदबाज बनाती हैं।
भुवनेश्वर के लिए स्विंग और गति के बाद संतुलन बनाना आसान नहीं था जिन्होंने अतिरिक्त गति से गेंदबाजी शुरू करने के दौरान गेंद को मूव कराने की अपनी नैसर्गिक क्षमता खो दी थी। उन्होंने हालांकि अब भारत के गेंदबाजी कोच भरत अरुण की बदौलत अपनी क्षमता फिर हासिल की।
भुवनेश्वर ने कहा, ‘वह (भरत अरुण) ऐसे व्यक्ति हैं जो गेंदबाजों का प्रबंधन काफी अच्छी तरह करते हैं। इस स्तर पर आप तकनीक के बारे में काफी नहीं सोचना चाहते। वह कभी-कभी आपको कुछ ऐसी चीजें बताते हैं जो आपकी गेंदबाजी में काफी सुधार कर सकती है। उदाहरण के लिए मैं अपनी गति में इजाफा किया, लेकिन स्विंग गंवा दी। मुझे नहीं पता था कि इससे कैसे निपटना है इसलिए उन्होंने मुझे कुछ अहम बातें बताईं जिससे मुझे अपनी स्विंग फिर हासिल करने में मदद मिली। टीम में उनकी भूमिका अहम है।’
भुवनेश्वर ने पिछले दो सत्र में अपनी गेंदबाजी के अलावा बल्लेबाजी पर भी काम किया है जिसने उन्हें निचले क्रम में उपयोगी खिलाड़ी बनाया। उन्होंने कहा, ‘एक खिलाड़ी के रूप में पिछले कुछ वर्षो में मेरे अंदर सुधार हुआ है। स्विंग गंवाए बिना मैंने अपनी गति में सुधार किया और इसे लेकर मैं काफी खुश हूं। मेरी बल्लेबाजी में भी थोड़ा सुधार हुआ है।’
न्यूजीलैंड के खिलाफ रविवार को मुकाबले को लेकर भुवी ने कहा, ‘पुणे में दूसरे वनडे के बाद रविवार का मैच भी दबाव भरा होगा, क्योंकि पिछले काफी समय से हमें इस तरह की चुनौती नहीं मिली और यह छोटी सीरीज है इसलिए अंतिम मैच में दबाव होगा कि हम सीरीज गंवा सकते हैं, लेकिन जिस तरह हमने वापसी की वह टीम के जज्बे को दिखाता है। हम पिछले मैच की तरह खेलने की कोशिश करेंगे।’ बीसीसीआइ के उसके दायरे में नहीं आने पर नाडा की मान्यता रद करने की वाडा की धमकी पर नजरिए के बारे में पूछने पर भुवनेश्वर ने कहा, ‘इस मामले में हम कुछ नहीं कह सकते। इस बारे में आइसीसी और बीसीसीआइ को फैसला करना है।