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बुजुर्गों के साथ ये 7 चीजें अपनाएं, वे हमेशा रहेंगे हेल्दी और हैप्पी

बुजुर्गों की देखभाल के लिए सबसे जरूरी है कि आप उनसे प्यार करें, उनका सम्मान करें। सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि उन्हें हमेशा सक्रिय और फिट रखें। कंसल्टेंट सायकोलॉजिस्ट रीता सिंघलबता रही हैं कि बुजुर्गों की देखभाल कैसे करें जिससे वे हेल्दी औरहैप्पी रहें।

 

01. उनकी सुरक्षा का ख्याल
घर और बाहर दोनों ही जगह आजकल बुजुर्गों के साथ हिंसा हो रही है। तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल कर आप बुजुर्गों की सुरक्षा कर सकते हैं। घर में सीसीटीवी और अगर वो बाहर जा रहे हैं तो जीपीएस ट्रैकर से उनकी गतिविधि पर नजर रखें।

 

02. एक्टिव और फिट रखें
बुजुर्ग सेहत से जितना तंदुरुस्त और फिट रहेंगे यह उनके लिए और परिवार के लिए भी अच्छा रहेगा। व्यायाम और योग उनकी दिनचर्या में शामिल हो इसके लिए उन्हें प्रेरित करते रहें। इससे बीमारियां दूर होंगी और उनका अकेलापन भी कम होगा।

 

03. मानसिक सेहत पर नजर 

अगर उनको दर्द हो रहा है या किसी तरह की मेडिकल मदद की जरुरत है तो पहले प्राथमिक चिकित्सा करें। भूलने की शिकायत ज्यादा होना, रास्ता भूल जाना और चलने-बैठने में संतुलन खो देना जैसे कुछ मानसिक बदलाव पर नजर बनाए रखें।

 

04. ड्राइविंग में मदद करें
बुढ़ापे में उनको कार ड्राइविंग से मना करना ठीक नहीं है। हो सकता है वो विरोध करें, आपसे रुठ जाएं या फिर ज्यादा गुस्से से लाल हो जाएं। अगर वो फिट हैं तो याद रहे ड्राइविंग करने से वो खुद को काफी रिलैक्स और फ्री महसूस करेंगे।

 

05. वित्तीय मामलों पर परामर्श लें

आप जिनसे प्यार करते हैं उनसे उनकी वित्तीय जरुरत और बीमा संबधी मामलों में खुलकर बातचीत करें। अगर आप भी कोई निवेश करना चाहते हैं तो बुजुर्गों का दिया अनुभव काफी काम आएगा। उनको लगेगा कि आप उनकी अहमियत समझते हैं।

 

06. कानूनी मामलों में बात करें
वसीयत, पावर ऑफ अटार्नी समेत ऐसे कई कानूनी मामलों में आप माता-पिता से बेहिचक बात करें। उन्हें सलाह भी दें और उनसे सलाह भी लें। इससे रिश्त खुलेंगे और असहमति के रास्ते बंद होंगे। उन्हें अच्छा वकील उपलब्ध कराएं।

 

07. उनके साथ खाना बनाएं
घर में हो सके तो उनके साथ ही बैठकर खाना खाएं, इससे उनको अकेलापन नहीं सालेगा और रिश्तों में मिठास आएगी। कभी-कभी हो सके तो उनके रुचि और मन का ख्याल रखते हुए उनके लिए अच्छी डिश पकाएं और उन्हें अपने हाथों से परोसें।

 

ये है मानसिक और भावनात्मक देखभाल

  • उन्हें किसी बात या व्यवहार से ठेस नहीं पहुंचाएं।
  • क्लब जानें दें, नए दोस्त बनाने दें। इच्छा से काम करने दें।
  • लंबे समय तक अकेला नहीं छोड़ें, उनका गुस्सा सहें
  • उनके अनुभव और कहानी ध्यान से सुनें। आपका ज्ञान बढ़ेगा।

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