पटना : बिहार में संविदा पर बहाल स्वास्थ्यकर्मी इन दिनों अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर है मगर सरकार की चेतावनी है कि यदि कल शनिवार तक काम पर नहीं लौटे तो उनकी संविदा समाप्त कर दी जाएगी। यह चेतावनी स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने दी है। साथ ही उन्होंने कहा कि पहले ‘नो वर्क नो पे’ का नियम लागू होगा। इसके बाद भी हड़ताली कर्मी नहीं माने तो दूसरे लोगों को बहाल किया जायेगा।
आरके महाजन ने कहा कि अभी तक किसी भी हड़ताली कर्मचारी की संविदा समाप्त नहीं की गई है। सरकार कर्मियों की जायज मांगों पर विचार कर रही है। संविदा पर बहाल लगभग 9 हजार आयुष चिकित्सक, एएनएम, जीएनएम, ब्लॉक कम्युनिटी मोबलाइजर, पारामेडिकल, पिछले 4 दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। महाजन ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत पूरे राज्य में 17 हजार कर्मचारी संविदा पर हैं।
इसके साथ ही कहा कि जो संविदा कर्मी तीन वर्ष की सेवा पूरी कर चुके हैं उन्हें आहरित मानदेय पर 10 फीसदी एवं जो पांच वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके हैं उनके मानदेय में 15 फीसदी वृद्धि का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजने के लिए कार्यकारिणी समिति का अनुमोदन लिया गया है। महाजन ने बताया कि संविदा कर्मियों की संविदा अवधि 3 वर्ष तक करने व 65 वर्ष की उम्र तक सेवा लेने का प्रस्ताव भी कार्यकारिणी समिति से अनुमोदित किया गया है। सेवा अवधि के दौरान आकस्मिक मौत पर परिजनों को चार लाख रुपये का भुगतान एवं ईपीएफ कटौती के संबंध में विचार किया जा रहा।
गौरतलब है कि पिछले 4 दिसंबर से बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था ठप है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत बिहार में संविदा पर कार्यरत स्वास्थ्यकर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। इनमें राज्य भर के लगभग 80 हजार कर्मी है जिनमें से 9 हजार कर्मी हड़ताल पर डटे है। शनिवार तक काम पर नहीं लौटने की स्थिति में अब ऐसे लोगों की नौकरी भी जा सकती है।