पटना : बिहार के हाईस्कूल के शिक्षक को सरकार ने एक अजीबोगरीब फरमान सुनाते हुए एक नया काम सौंपा है। अब इन शिक्षकों को खुले में शौच जाने वालों पर अपनी नजर रखनी होगी। साथ ही उन्हें खुले में शौच के खिलाफ जागरूक करेंगे और स्वच्छता के महत्व को समझाएंगे। शिक्षकों का यह भी काम होगा कि सुबह शाम वे इसकी निगरानी भी करेंगे।
बिहार में ब्लॉक विकास अधिकारी यानि कि बीडीओ ने टीचर एसोसिएशन को एक फरमान सुनाया है, जिसमें बीडीओ ने खुले में शौच करने वाले लोगों पर लगाम लगाने के लिए उनकी फोटोग्राफी करने के निर्देश दिए हैं। इस फरमान को लेकर शिक्षक संघ में जबर्दस्त गुस्सा है। बिहार टीचर एसोसिएशन ने इस फरमान का यह कहते हुए विरोध किया है कि यह टीचरों का अपमान है। शिक्षक संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष रंजीत कुमार व प्रदेश मंत्री रंजन आर्य ने इस फरमान का विरोध करते हुए कहा कि शिक्षकों का काम पढ़ाना है न कि ये काम करना और इस काम से शिक्षकों का अपमान भी होगा। उन्होंने कहा कि पंचायत से दूर रहने वाले शिक्षकों को इस आदेश से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।
टीचरों का कहना है कि प्रशासन के इस तरह के फरमान टीचरों की गरिमा को कम करने के साथ-साथ उनकी सुरक्षा को भी खतरा रहता है। साथ ही टीचरों ने कहा कि सरकार ने उन्हें खुले में शौच करने वालों की फोटो खींचने को कहा है लेकिन वे महिलाओं और लड़कियों की फोटो कैसे खींचेंगे। टीचरों को सुबह 6-7 बजे और शाम को 5-6 बजे खेतों में जाकर यह निगरानी करनी है।
आपको बता दें कि, बिहार सरकार ने बोर्ड ऑफ एजुकेशन की ओर से जारी उस आदेश का समर्थन किया है जिसमें शिक्षकों को सुबह और शाम के वक्त ग्रामीण इलाकों में खुले में शौच के लिए जाने वाले लोगों को रोकने और उनकी निगरानी करने के आदेश जारी किए गए थे।