प्रदेश के राजकीय, राजकीयकृत, राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत संचालित उच्च माध्यमिक विद्यालयों (प्लसटू) में अतिथि शिक्षक बनने की चाह रखने वालों में खासा उत्साह है। यह आवेदनों की संख्या से साबित हुआ है। अंग्रेजी, गणित, भौतिकी, रसायन शास्त्र, प्राणीशास्त्र और वनस्पति शास्त्र विषयों में अतिथि शिक्षकों के 4257 पदों के लिए करीब पांच लाख आवेदन आए हैं। आवेदनों की संख्या इतनी अधिक है कि तय शिड्यूल पर विद्यालयों को ऐसे शिक्षकों की सेवा निर्धारित मानदेय पर उपलब्ध कराने में शिक्षा विभाग को पसीने छूट रहे हैं। .
नौकरी छोड़ आए हैं शिक्षक
गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने लक्ष्य रखा था कि 18 जून को विद्यालय खुलने के पहले रिक्त पदों के अनुरूप अतिथि शिक्षकों का चयन कर विद्यालयों को उपलब्ध करा दिया जाए। मकसद था कि प्लसटू विद्यालयों में शिक्षकों के अभाव से नियमित कक्षाएं बाधित न हों। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। 14 जून के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में जिलों की समस्या को देखते हुए इन्हें नियुक्त करने (आमंत्रण पत्र देने) के लिए 3 जुलाई की तिथि तय की गयी। पर जानकारी के मुताबिक ज्यादातर जिलों में अब भी यह संभव नहीं है।
अतिथि शिक्षक बनने के पहले कर रहे पढ़ाने का अभ्यास
80 फीसदी बीटेक-एमटेक डिग्रीधारी
राज्य के 37 जिलों में 4 लाख 70 हजार 791 लोगों ने अतिथि शिक्षक बनने के लिए आवेदन दिया है। अररिया में पिछले दिनों चुनाव होने की वजह से वहां अभी आवेदन जमा करने की प्रक्रिया ही चल रही है। शिक्षा विभाग के मुताबिक इनमें 80 फीसदी यानी करीब 3.20 लाख से अधिक बीटेक-एमटेक डिग्रीधारी हैं। जबकि माध्यमिक निदेशालय ने पहले ही पैनल निर्माण के लिए वांछित योग्यता का क्रम निर्धारित कर दिया था और इनमें सबसे अंत में बीटेक-एमटेक डिग्रीधारियों को रखा गया है। हालांकि प्रशिक्षित अभ्यर्थियों की संख्या जरूरत के करीब दोगुनी है। 7880 प्रशिक्षित अभ्यर्थियों के आवेदन आने से इनमें से ही गेस्ट टीचर रखे जाने के आसार हैं।
अतिथि शिक्षकों में पीजी के साथ बीएड वालों को पहला मौका दिया गया है। नियुक्ति प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इनमें से कई दूसरे राज्यों में नौकरी छोड़ कर आए हैं।
– केशव कुमार, डीपीओ, स्थापना
पटना जिले के 146 स्कूलों में 520 अतिथि शिक्षक नियुक्त होने हैं। सभी छह विषयों को मिलाकर कुल 1322 अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग हुई है। इसमें से ही अब 520 अभ्यर्थी अतिथि शिक्षक नियुक्त होंगे। डीपीओ माध्यमिक डा. अशोक कुमार ने बताया कि काउंसिलिंग दो चरण में हुई है, लेकिन चयनित सूची एक साथ जारी होगी।
पटना। पटना जिले में अतिथि शिक्षक के दूसरे चरण में भी आधे से अधिक शिक्षक गायब रहे। ये शिक्षक काउंसिलिंग में शामिल नहीं हुए। शिक्षक नियोजन ईकाई ने अंग्रेजी, वनस्पति विज्ञान और जन्तु विज्ञान मिलाकर 1635 अभ्यर्थी को बुलाया था। इसमें 944 अभ्यर्थी काउंसिलिंग में शामिल नहीं हुए। केवल 691 अभ्यर्थी आए और उसके सारे मूल प्रमाण पत्रों की जांच की गई। दूसरे चरण की काउंसिलिंग भी केवी सहाय उच्च माध्यमिक विद्यालय में संपन्न हुई। ज्ञात हो कि इससे पहले 30 जून को भौतिकी, रसायन और गणित विषय की काउंसिलिंग की गई थी। उसमें 1489 अभ्यर्थी की जगह 631 अभ्यर्थी ही शामिल हुए थे। काउंसिलिंग में मूल प्रमाण पत्र की जांच करने के बाद अब अभ्यर्थी की चयन प्रक्रिया होगी। पटना जिला शिक्षा कार्यालय की मानें तो चयनित सूची सभी विषयों की एक साथ निकाली जाएगी। चयनित सूची चार या पांच जुलाई को जारी होगी। जो अभ्यर्थी चयनित होंगे, उन्हें विद्यालय चयन के लिए बुलाया जाएगा। विद्यालय चयन की सूचना चयनित सूची के साथ ही दी जायेगी।.
अतिथि शिक्षक के लिए कई आवेदकों ने अपनी नौकरी छोड़ दी है। सरकारी नौकरी करने की चाहत से अतिथि शिक्षक के लिए आवेदन दिया था। इनमें से कई योग्यता नहीं होने के कारण बाहर भी हो गये हैं।
दीपक कुमार पिछले दस साल से झांसी में एकाउंटेंट की नौकरी कर रहे थे। डिग्री के कारण दीपक का नाम अतिथि शिक्षक में आया है। लेकिन दीपक को स्कूल में पढ़ाने का कोई अनुभव नहीं है। अब वे प्राइवेट कोचिंग संस्थान ज्वॉइन कर पढ़ाने की ट्रेनिंग ले रहे हैं।
रश्मि कुमारी पीजी के साथ बीएड की हुई है। लेकिन पिछले आठ साल से गृहिणी है। अतिथि शिक्षक के लिए आवेदन भरा। मेरिट सूची में नाम आ गया। अब रश्मि परेशान है कि वो कैसे पढ़ायेंगी। वह अब एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाकर अभ्यास कर रही हैं।
माध्यमिक शिक्षा निदेशक राजीव प्रसाद सिंह रंजन ने सभी जिलों से (अररिया को छोड़कर) अतिथि शिक्षकों की सेवा विद्यालयों को सौंपे जाने का ब्योरा अनिवार्य रूप से तलब किया है। 7 जुलाई को समीक्षा होगी।
टॉप आवेदन वाले जिले
पटना (35525), नालंदा (22384), गया (22098), दरभंगा (20783), वैशाली (17748), जहानाबाद (17378), भागलपुर (16607), पूर्णिया (16342), नवादा (16142), समस्तीपुर (16080) आदि
सबसे कम: शिवहर (2946)