बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट परीक्षा के नतीजे बुधवार शाम को घोषित हुए. देशभर में NEET टॉपर रहीं कल्पना कुमारी ने बिहार में साइंस स्ट्रीम में भी टॉप किया. लेकिन इस पर नतीजों के बाद से ही विवाद शुरू हो गया. आरोप लगाया गया कि उनकी स्कूल में उपस्थिति कम थी, लेकिन फिर भी उन्हें टॉपर घोषित किया गया.
अब बिहार के शिक्षा मंत्री ने इन आरोपों को खारिज कर दिया है. शिक्षामंत्री कृष्णानंद वर्मा ने बताया कि कल्पना कुमारी के पास योग्यता है, उन्होंने NEET की परीक्षा टॉप कर इसे साबित भी किया है. इस मामले में किसी भी तरह का विवाद नहीं होना चाहिए.
आखिर क्यों हो रहा है विवाद ?
दरअसल, कल्पना कुमारी के रिजल्ट पर विवाद की वजह उनकी उपस्थिति है. दरअसल, पिछले हफ्ते NEET परीक्षा में टॉप करने के तुरंत बाद कल्पना कुमारी ने कई जगहों पर यह इंटरव्यू में बताया कि वह पिछले 2 साल से लगातार दिल्ली में आकाश इंस्टिट्यूट से मेडिकल की तैयारी कर रही थीं.
इसी दौरान बिहार बोर्ड से 12वीं की परीक्षा देने के लिए कल्पना ने अपने गृह जिला शिवहर के तरियानी में स्थित YKJM कॉलेज में दाखिला भी लिया हुआ था.
क्या है नियम?
देश के किसी स्कूल की बात करें तो यह बहुत आम सी बात है कि अगर आप 10वीं या 12वीं बोर्ड की परीक्षा में बैठते हैं, तो आपको कक्षा में न्यूनतम उपस्थिति होना अनिवार्य होता है. कई जगहों पर छात्रों के लिए न्यूनतम उपस्थिति 75 फीसदी है.
12वीं के साथ, NEET में भी टॉप
बिहार बोर्ड कक्षा 12वीं साइंस में कल्पना कुमारी ने पहला स्थान हासिल किया और उन्हें 434 अंक मिले. रिजल्ट जारी करने के दौरान प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया था कि कल्पना कुमारी वो ही छात्रा हैं, जिन्होंने हाल ही में हुई नीट परीक्षा में पहला स्थान हासिल किया था और उन्हें 99.99 पर्सेंटाइल अंक प्राप्त हुए थे.