बिहार में बाढ़ ने अब तक कुल 514 की जान ली है। आपदा प्रबंधन ने इस आंकड़े की पुष्टि भी कर दी है। लेकिन अब जो बात सामने आ रही है वो है इस बाढ़ से सबसे ज्यादा नुकसान रेलवे को पहुंचा है। बिहार की बाढ़ से रेलवे को 46 करोड़ का नुकसान हुआ है। 26 करोड़ रेलवे के बुनियादी ढांचे में और 20 करोड़ रेलवे के राजस्व में घाटा हुआ है। बाढ़ की वजह से रेलवे की कई लाइनें ठप रही और कई ट्रेनें कैंसिल हुई। भले ही सरकार स्थिति नियंत्रण में होने का दावा कर रही है लेकिन जनता की परेशानियां कम नहीं हुई है। मंगलवार को इसीआर (इस्ट सेंट्रल रेलवे) डिविजन की 18 ट्रेनें कैंसल कर दी गई। इसके साथ ही रेलवे को कम से कम 46 करोड़ का घाटा हुआ।
ये हैं कुछ अहम ट्रेनें
12236- नई दिल्ली-डिब्रुगढ़ राजधानी एक्सप्रेस, 14056 दिल्ली डिब्रुगढ़ ब्रम्हपुत्र मेल, 15648 – गुवाहाटी लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस ( मुंबई) 15619 गया-कामाख्या एक्सप्रेस । इनमें से अधिकतर ट्रेनें नॉर्थ इस्ट से दिल्ली की ओर जाती हैं।
26 अगस्त तक इसीआर को 26 करोड़ का नुकसान हुआ है। जिसमें से 20 करोड़ का घाटा एक मात्र ट्रेनें कैंसिल होने की वजह से हुआ है। इसीआर के जनरल मैनेजर डीके गायन ने हमारी सहयोगी अखबार को बताया कि स्टेशन और पटरियों पर पानी की वजह से हमें ये कदम उठाना पड़ा है। हमारे लिए यात्रियों की सुरक्षा अहम है। उन्होंने बताया कि समस्तीपुर रेलवे डिविजन में सबसे ज्यादा हालत खस्ता है।
26 अगस्त तक इसीआर को 26 करोड़ का नुकसान हुआ है। जिसमें से 20 करोड़ का घाटा एक मात्र ट्रेनें कैंसिल होने की वजह से हुआ है। इसीआर के जनरल मैनेजर डीके गायन ने हमारी सहयोगी अखबार को बताया कि स्टेशन और पटरियों पर पानी की वजह से हमें ये कदम उठाना पड़ा है। हमारे लिए यात्रियों की सुरक्षा अहम है। उन्होंने बताया कि समस्तीपुर रेलवे डिविजन में सबसे ज्यादा हालत खस्ता है।
इसलिए दरभंगा, बागमती के बीच कई ट्रेनें रद्द कर दी गई। बागमती नदी का जलस्तर इतना बढ़ गया कि ब्रीज के ऊपर से आवाजाही खतरे से खाली नहीं है। जोगमनी स्टेशन पूरा ही पानी में था। अब जाकर स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है। गंडक नदी का जलस्तर अभी भी कम नहीं हुआ है। बिहार, बंगाल, यूपी और असम में पिछले सात दिनों में 150 करोड़ रुपए का रेलवे का बिल आया है। रेलवे प्रशासन ने कहा, रेल सेवाएं बाधित हुई हैं और इसको दुरस्त करने के लिए कई महीने लग जाएंगे।
आपदा प्रबंधन ने बताया कि बिहार में बाढ से 19 जिले और 1.71 करोड की आबादी प्रभावित है। बीते दिनों 14 और लोगों की जान गई। मौत का आंकड़ा कुल 514 पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि अब मुज्जफरपुर और समस्तीपुर के हाल सुधर रहे हैं, लेकिन कटिहार अब भी पानी में है।