केंद्र की मोदी सरकार ने पिछले साल नोटबंदी कर दुनिया को चौंका दिया था, लेकिन करंसी के साथ उसका यह आखिरी प्रयोग नहीं था। भारतीय रिजर्व बैंक अब क्रिप्टोकरंसी की दिशा में कदम आगे बढ़ाने पर विचार कर रहा है। दुनिया की पहली क्रिप्टोकरंसी बिटकॉइन की लोकप्रियता के बाद भारतीय रिजर्व बैंक अपनी क्रिप्टोकरंसी लाने पर विचार कर रहा है। हालांकि अब तक वह इस गैर-व्यवस्थित कही जाने वाली करंसी को लेकर बहुत सहज नहीं था। आरबीआई ने भले ही लोगों को वर्चुअल करंसी के इस्तेमाल के प्रति चेताया हो, लेकिन एक घरेलू बिटकॉइन एक्सचेंज का कहना है कि हर दिन उसके 2,500 यूजर बढ़े हैं और डाउनलोड 5 लाख हो गए हैं।
2015 में लॉन्च हुई कंपनी का कहना है कि लगातार बढ़ते डाउनलोड्स से पता चलता है कि लोगों को बिटकॉइन पर भरोसा बढ़ा है और यह करंसी सबसे लोकप्रिय इमर्जिंग असेट्स क्लास के तौर पर उभरी है। आरबीआई में एक्सपर्ट्स का एक ग्रुप भारतीय करंसी रुपये के डिजिटल विकल्प की संभावनाओं पर विचार कर रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक धन की देवी के नाम पर आरबीआई अपने बिटकॉइन का नाम ‘लक्ष्मी’ रख सकता है। आरबीआई की क्रिप्टोकरंसी उसकी उस योजना का हिस्सा हो सकता है, जिसके तहत वह ब्लॉकचेन तैयार करने पर विचार कर रहा है। क्रिप्टोकरंसीज के लेनदेन का लेजर रेकॉर्ड रखने वाली व्यवस्था को ब्लॉकचेन कहा जाता है। फ्रॉड और बैड लोन से निपटने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया अन्य बैंकों और तकनीकी कंपनियों के साथ मिलकर इस पर काम कर रहा है। इस मामले में एसबीआई आईबीएम, माइक्रोसॉफ्ट, स्काइलार्क, केपीएमजी और 10 कमर्शल बैंकों के साथ काम कर रहा है।
जानें, क्या है क्रिप्टोकरंसी
क्रिप्टोकरंसी को ई-मुद्रा भी कह सकते हैं। यह आपके नोटों की तरह नहीं होती है, केवल कंप्यूटर पर ही दिखाई देती है और सीधे आपकी जेब में नहीं आती। इसलिए इसे डिजिटल या वर्चुअल करंसी कहा जाता है। इसलिये इसे डिजिटल करेंसी, वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) कहते हैं। इसकी शुरुआत 2009 में हुई थी। इसके इस्तेमाल और भुगतान के लिये क्रिप्टोग्रफी का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए इसे क्रिप्टोकरंसी कहा जाता है। बिटकॉइन को दुनिया की पहली क्रिप्टोकरंसी कहा जाता है। इसको जमा करना माइनिंग कहलाता है। क्रिप्टोकरंसी को दुनिया के किसी भी कोने में आसानी से ट्रांसफर किया जा सकता है और किसी भी प्रकार की करसी में कनवर्ट किया जा सकता है जैसे डॉलर, यूरो और रुपया आदि।
जानें, क्या होती है क्रिप्टोग्राफी
क्रिप्टोग्राफी एक प्रकार का कूट लेखन यानी एनकोडिंग है। इसमें भेजे गये संदेश या बिटकॉइन या जानकारी को सांकेतिक शब्दों में बदलना होता है, जिससे उसे भेजने वाला या रिसीव करने वाला ही पढ़ पाए।