पटना : पिछले 15 दिनों से बिहार में आई भयानक बाढ़ की कहर में लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। लोग हर रोज जिल्लत भरी जिंदगी जीने पर मजबूर हैं। वही इस विनाश लीला में अब तक 525 लोगों की मौत हो चुकी है तो सौकड़ों लापता है जिनके परिजन उनकी सकुशल वापसी के लिऐ भगवान से प्रार्थना कर रहे हैं।बाढ़ पीडित लोगों की हालत वाकई दिल दहलाने वाला जैसा है। पिछले 15 दिनों से किस तरह लोग त्राहिमाम की जिंदगी गुजार रहे हैं यह कल्पना करके ही आप कांप उठेंगे। बिहार के 19 जिलों में बाढ़ ने अपना भयंकर विनाश लीला दिखाया है।जिसमें 1.71 करोड़ लोग जिल्लत भरी जिंदगी जीने पर मजबूर है। वही सरकार के द्वारा इन लोगों की उचित देखभाल के लिए तथा सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने और उचित सुविधा देने के लिए अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं।वही इनकी सुरक्षा में एनडीआरएफ की 28 टीमें, एसडीआरएफ की 16 टीमें और सेना के 630 कर्मी को तैनात किया गया है।
आपको बताते चलें की बिहार के किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सीतामढी, शिवहर, समस्तीपुर, गोपालगंज, सारण, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा और खगड़िया जिला बाढ़ विनाश लीला से त्राहिमाम कर रहा है। आपका प्रबंधन विभाग के अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार अब तक बाढ़ के चपेट में आने से लोगों की मौत हो गई है।अररिया में 95 लोगों की मौत हुई है जबकि सीतामढ़ी (46), पूर्णिया (44), कतिहार (40), पश्चिम चम्परण (36), पूर्वी चम्पारण (32), दरभंगा (30), मधुबनी (28), माधेपुरा (25), किशनगंज (24) गोपालगंज (20) सुपौल (16), सारण (13), मुजफ्फरपुर (9) सहरसा (8) खगड़िया (8), शिवहर (6) और समस्तीपुर (2) में मौतें हुई है ।
बाढ़ पीड़ित लोगों की सुरक्षा में तैनात अधिकारियों के अनुशासन बिहार के 19 जिले के 2,371 पंचायत बाढ़ की चपेट में बुरी तरह फंसी हुई है।जिसमें 1.71 करोड़ लोगों का जनजीवन पूरी तरह बेहाल है। इन सभी लोगों के लिऐ 222 राहत शिविर बनाए गए हैं जिसमें लाखों लोगों ने शरण ली है। राज्य के कुछ बाढ पिड़ित क्षेत्रो का पानी घटा है लेकिन परेशानी कम नही हो रही है। लेकिन अधिकारियों द्वारा उनकी परेशानी दूर करने की कोशिश की जा रही है।