बिहार की भूमि ज्ञान की भूमि है, आस्था की भूमि है। भगवान बुद्ध को बिहार की धरती पर ही ज्ञान प्राप्त हुआ था। भगवान महावीर का जन्म बिहार में ही हुआ, उनको ज्ञान भी यहीं हुआ और निर्वाण भी यहीं हुआ। आरा में चल रहे विश्व धर्म सम्मेलन के समापन समारोह में शिरकत करने पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उक्त बातें कहीं। उन्होंने कहा कि 350 साल पहले सिखों के 10वें गुरू गुरू गोविंद सिंह जी महाराज का जन्म इसी धरती पर हुआ। मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज में प्रेम का भाव रहे, सौहार्द्र एवं मैत्री का भाव रहे तथा एकता बनी रहे।
उन्होंने कहा कि समाज में हम सिर्फ भौतिक विकास का काम नहीं कर रहे हैं बल्कि सामाजिक सुधार का भी काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में शराबबंदी लागू हुयी और अब उसके आगे नशामुक्ति का अभियान चला रहे हैं। अब उससे प्रेरणा लेकर बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के विरूद्ध सशक्त अभियान की बापू के जन्मदिन 2 अक्टूबर से शुरूआत की गयी है। इस मंच पर बड़ी संख्या में देश के कोने-कोने से आये संत महात्मा पधारे हुये हैं, जिनके द्वारा समाज सुधार के इस अभियान की सराहना की गयी।
मुख्यमंत्री ने पधारे हुये संतों से बिहार को आशीर्वाद देने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस मंच से जो संदेश जायेगा, वह बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के विरूद्ध एक महत्वपूर्ण कदम होगा और मजबूती से लागू होगा और अंतत: कामयाबी मिलेगी। इसके साथ ही देश के अन्य राज्यों में भी इसका असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भौतिक विकास यथा- सड़क, पुल/पुलिया, शिक्षा, स्वास्थ्य पर भी उतना ही ध्यान देना है, साथ ही समाज सुधार के काम में काम में भी कामयाब होते हैं तो यह बहुत बड़ी बात होगी। उन्होंने कहा कि आराम के प्रति लालसा बेकार होती है। जीयर स्वामी इसके उदाहरण हैं। मुख्यमंत्री ने देश के कोने-कोने से आये संतों का बिहार के लोगों की ओर से तथा बिहार सरकार की तरफ से अभिनंदन किया। इसके पूर्व मुख्यमंत्री ने यज्ञ स्थल पहुंचकर जीयर स्वामी जी महाराज से उनकी कुटिया में जाकर मुलाकात की और उसके पश्चात यज्ञ वेदी पर जाकर पूजा अर्चना की।