श्रीनगर । बडगाम में आतंकियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में सेना का एक जेसीओ राजकुमार शहीद हो गया। लेकिन हमलावर आतंकी भागने में कामयाब रहे। उन्हें पकडऩे के लिए सुरक्षाबलों ने एक विशेष अभियान चला रखा है। शहीद जेसीओ जम्मू कश्मीर के साथ सटे हिमाचल प्रदेश के खन्नी गांव के रहने वाले थे। वर्ष 1990 में सेना मे भर्ती हुए शहीद राजकुमार के परिवार में अब उनकी पत्नी तोशी देवी और दो पुत्र रह गए हैं। अंतिम श्रद्घांजली के बाद शहीद का पार्थिव शरीर पूरे सैन्य सम्मान के साथ उनके परिवार के पास भेज दिया गया है।
यहां मिली जानकारी के अनुसार, सेना की 53 आरआर के जवानों के एक दल ने जिला बडगाम के द्रंग इलाके में इतवार की रात को आतंकियों के छिपे होने की सूचना पर एक तलाशी अभियान चलाया। जवान तलाशी लेते हुए जब आगे बढ़ रहे थे तो एक जगह छिपे आतंंकियों ने उन पर घात लगाकर हमला कर दिया। इस हमले में जेसीओ राजकुमार गंभीर रुप से घायल हो गया। अन्य जवानों ने जेसीओ को वहां से अस्पताल पहुंचाने का बंदोबस्त करते हुए आतंकियों पर जवाबी फायर किया। करीब 20 मिनट तक मुठभेड़ जारी रही और इसके बाद आतंकी अंधेरे का लाभ लेते हुए भाग निकले। इस बीच, अस्पताल में घायल जेसीओ ने अपने जख्मों की ताव न सहते हुए दम तोड़ दिया।
संबधित सूत्रों ने दावा किया है कि द्रंग में बीती रात गश्त कर रहे सैन्य दल में शामिल एक जेसीओ से अचानक ही अपनी राइफल से गोली चल गई जो उसकी ही जांघ को चीर गई। खून से लथपथ जेसीओ को निकटवर्ती सैन्य अस्पताल पहुंचाया गया,जहां वह कुछ ही देर बाद चल बसा। डाक्टरों के अनुसार, अत्याधिक खून बहने के कारण जेसीओ की मौत हुई है