नई दिल्ली- चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के अंत तक देश का राजकोषीय घाटा बजट लक्ष्य के 91.3 फीसद तक पहुंच गया है। पूर्ण रूप से, राजकोषीय घाटा जो कि व्यय और राजस्व के बीच का अंतर होता है अप्रैल सितंबर तिमाही के दौरान 4.99 लाख करोड़ रुपए रहा है।
बजट में 5.46 लाख करोड़ रुपए के राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया गया था। यह स्थिति मुख्य रूप से व्यय में इजाफे के कारण देखने को मिली है। यह जानकारी नियंत्रक महालेखापरीक्षक (सीजीए) की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के जरिए सामने आई है। गौरतलब है कि बीते वित्त वर्ष की समान अवधि के दौरान देश का राजकोषीय घाटा लक्ष्य का 83.9 फीसद रहा था। आपको बता दें कि वित्त वर्ष 2017-18 के लिए सरकार का लक्ष्य राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.2 फीसद तक लाने का है। यह पिछले वित्त वर्ष में, 3.5 फीसद का लक्ष्य हासिल कर लिया गया था।
सीजीए के आंकड़ों के मुताबिक, समीक्षाधीन अवधि में कर राजस्व कुल 6.23 लाख करोड़ रुपये रहा, जो कि बजट अनुमान का 41.1 फीसद है। वहीं, राजस्व और गैर ऋण पूंजी मिलाकर कुल प्राप्ति चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 6.50 लाख करोड़ रुपये की रहीं, जो कि वर्तमान वित्त वर्ष के अनुमान का 40.6 फीसद है। सीजीए के आंकड़ों के अनुसार, सरकार का कुल व्यय क्रमिक आधार पर बढ़ रहा था और सितंबर के अंत में यह 11.49 लाख करोड़ रुपये रहा जो कि बजट अनुमान का 53.5 फीसद रहा है।