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बच्चे की भूख बढ़ाने के लिए दवाई नहीं, ब्रेकफास्ट दें और ज्यादा दूध न पिलाएं

बच्चे की भूख बढ़ाने के लिए दवाई नहीं, ब्रेकफास्ट दें और ज्यादा दूध न पिलाएं

आजकल पेरेंट्स की बच्चों को लेकर एक ही शिकायत है। बच्चे को भूख नहीं लगती है। वह दिनभर कुछ नहीं खाता है। इसके बावजूद उसमें मोटापा बढ़ता जा रहा है। या फिर खाना सही तरीके से नहीं खाने के कारण कमजोर हो रहा है। बच्चों को भूख न लगने की समस्या पेरेंट्स के लिए स्ट्रेस का एक मुख्य कारण बन रही है। वहीं, जरूरत के मुताबिक हैल्दी डाइट नहीं मिल पाने पर शारीरिक और मानसिक विकास नहीं हो पाता है। डॉ. अशोक गुप्ता, बाल रोग विशेषज्ञ व अधीक्षक, जेकेलोन हॉस्पिटल, जयपुर से जानते हैं इसका समाधान.

आमतौर पर यह देखा गया कि जब तक बच्चे को दवाइयां दी जाती हैं तब तक भूख बढ़ती है। दवा बंद करने के साथ ही भूख बंद हो जाती है। सवाल फिर उठता है, ऐसा क्या करना चाहिए। बच्चा पेट भरकर खाना खाए, इसका एक ही समाधान है, उसे ब्रेकफास्ट दिया जाए। हमारा शरीर ओवरनाइट फास्टिंग करता है। क्योंकि सोने से लेकर उठने के बीच में छह से सात घंटे का गैप होता है। इस ओवरनाइट फास्टिंग को सही मेटाबॉलिज्म की तरफ ले जाना जरूरी है। इसके लिए ब्रेकफास्ट जरूरी है। ब्रेकफास्ट से मेटबॉलिक प्रोसेस सही तरीके से शुरू हो जाता है और बच्चे को भूख लगना शुरू हो जाती है।

आमतौर पर जो बच्चे सुबह ब्रेकफास्ट नहीं करते, उनकी भूख कम हो जाती है। इसलिए पहले नाश्ता जरूर करवाएं। भूख कम होने पर थोड़ा-थोड़ा बार-बार खिलाएं। इससे मेटाबॉलिज्म कंट्रोल होने से बच्चे को भूख लगेगी। बच्चे को तीन डाइट लेनी चाहिए, यह उपयुक्त नहीं पाया गया है। वे तीन बार खाना खाएंगे तो उन्हें भूख कम लगेगी। इसलिए बच्चे को थोड़ा-थोड़ा खिलाएं। एक अवधारणा यह भी है कि बच्चा खाता नहीं है पर दूध तो पी ले लेता है। उसका आवश्यकता से ज्यादा दूध पीना एक्सेसिव मिल्क सिंड्रोम कहलाता है। ज्यादा दूध पिलाते रहने से दूध पिलाते रहने से भी भूख कम हो जाती है।

आमतौर पर जो बच्चे सुबह ब्रेकफास्ट नहीं करते, उनकी भूख कम हो जाती है। इसलिए पहले नाश्ता जरूर करवाएं। भूख कम होने पर थोड़ा-थोड़ा बार-बार खिलाएं। इससे मेटाबॉलिज्म कंट्रोल होने से बच्चे को भूख लगेगी। बच्चे को तीन डाइट लेनी चाहिए, यह उपयुक्त नहीं पाया गया है। वे तीन बार खाना खाएंगे तो उन्हें भूख कम लगेगी। इसलिए बच्चे को थोड़ा-थोड़ा खिलाएं। एक अवधारणा यह भी है कि बच्चा खाता नहीं है पर दूध तो पी ले लेता है। उसका आवश्यकता से ज्यादा दूध पीना एक्सेसिव मिल्क सिंड्रोम कहलाता है। ज्यादा दूध पिलाते रहने से दूध पिलाते रहने से भी भूख कम हो जाती है।

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