रांची/ एजेंसी।
मुख्यमंत्री रघुवर दास लोक कल्याणकारी योजनाओं में निचले स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार पर मंगलवार को काफी नाराज दिखे। मुख्यमंत्री जनसंवाद में ऐसी शिकायतें मिलने पर उन्होंने न केवल इस पर चिंता प्रकट की, बल्कि संबंधित पदाधिकारियों को फटकार भी लगाई। कई मामलों में उन्होंने कार्रवाई करने तथा जांच का आदेश भी दिया। पश्चिमी सिंहभूम के कुछ प्रखंडों में जन वितरण प्रणाली में खाद्यान्न की कालाबाजारी की शिकायत पर उन्होंने विभागीय सचिव विनय कुमार चौबे को पीडीएस दुकानें बंद कर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) से राशि का भुगतान करने का आदेश दिया।
उन्होंने कहा कि लाभुक के खाते में राशि जाने के बाद वह अपनी मर्जी के अनुसार किसी भी दुकान से खाद्यान्न खरीद सकेगा। उनके अनुसार, जन वितरण प्रणाली में खाद्यान्न की कालाबाजारी ऐसे बंद नहीं होगी। उन्होंने पहले चरण में शहरी क्षेत्रों और बाद में ग्रामीण क्षत्रों में डीबीटी लागू करने को कहा। हालांकि राज्य सरकार पहले ही पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसे नगड़ी से शुरू करने की योजना बना चुकी है। डॉक्टरों को सीधे बर्खास्त करो, निलंबित नहीं सीएम डॉक्टरों के ड्यूटी आवर में प्राइवेट प्रैक्टिस से भी नाराज दिखे।
उन्होंने इस पर रोक लगाने के लिए जिला स्तर पर धावा दल गठित करने का निर्देश दिया। ऐसा एप बनाने को कहा जिससे जनता ऐसे डॉक्टरों की सूचना दे सके। उन्होंने कहा कि ऐसे डॉक्टरों को निलंबित करने से काम नहीं चलेगा। ये जानबूझकर निलंबित होकर 50 फीसद वेतन लेते रहेंगे और प्राइवेट प्रैक्टिस भी करते रहेंगे। उन्होंने ऐसे डॉक्टरों को सीधे बर्खास्त करने का आदेश दिया।