आरोपितों ने फिल्म दृश्यम को देखकर योजना बनाई फिर मार कर लाश को ठिकाने लगाया। इसके बाद उसका मोबाइल ट्रेन में छोड़कर आ गए, ताकि पुलिस को छात्र के कहीं चले जाने का शक हो। मसानगंज-सरजू बगीचा निवासी आदित्य सिंह उर्फ लक्की चौहान पिता सुधीर सिंह चौहान इंजीनियरिंग का छात्र था। वह मंगलवार की शाम को घर से DSLR कैमरा लेकर निकला था। इसके बाद वह घर नहीं पहुंचा। परिजन ने रात में ही उसकी पूछताछ शुरू कर दी। बुधवार को इसकी सूचना सिविल लाइन थाने में दी और उसके अपहरण की संदेह जताई। साथ ही संदेही दोस्तों पर भी शक किया, लेकिन इसके बाद भी सिविल लाइन पुलिस ने गुम इंसान का मामला दर्ज कर औपचारिकता पूरी कर ली। क्राइम ब्रांच की टीम ने मोबाइल की तकनीकी जांच करते हुए उसकी खोज शुरू कर दी थी। गुरुवार को एसपी आरिफ शेख को इस घटना की जानकारी हुई, तब उन्होंने मामले को गंभीर से लेते हुए संदेहियों को पकड़कर पूछताछ करने के निर्देश दिए।
दोपहर करीब एक बजे क्राइम ब्रांच ने इमलीपारा निवासी एक संदेही आदमी किशन यादव पिता शरद कुमार यादव को पकड़ लिया। पहले वह दो घंटे तक गुमराह करने का प्रयास करता रहा। फिर मोबाइल की तकनीकी जांच व बारीकी से पूछताछ में टूट गया। उसने बताया कि अपने दो नाबालिग साथियों के साथ मिलकर मंगलवार की रात उसे घुमाने के बहाने तिफरा के यदुनंदननगर ले गया। फिर नाबालिग दोस्त के नये बन रहे मकान में बेसबाल व चाकू से हमला कर उसकी हत्या कर दी। वारदात को अंजाम देने के बाद तीनों मिलकर उसकी लाश को गोकने नाला स्थित पुल के नीचे फेंक दिया।
उसके बताए अनुसार पुलिस ने तत्काल दोनों नाबालिग दोस्तों को भी पकड़ लिया। उन्होंने भी पूछताछ में अपराध स्वीकार किया। फिर उनकी निशान पर पुल के पास से लाश को बरामद कर लिया। इस मामले में सिरगिट्टी पुलिस मर्ग कायम कर जांच कर रही है। शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल के मरच्युरी में रखा गया है।
आरोपित ने पुलिस को गुमराह करते हुए बताया कि आदित्य का किसी लड़की से प्रेम संबंध था। उसने आदित्य और लड़की को स्टेशन में छोड़ दिया है। बुधवार की रात साइबर सेल ने मृतक का लोकेशन लिया था, जिसमें आखिरी लोकेशन रायगढ़ में मिला। लेकिन, पुलिस ने कॉल डिटेल खंगाला, तब संदेह हुआ।
छात्र आदित्य के गायब होने से परेशान परिवार ने अपने घर के आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज भी देखे, जिसमें आदित्य को उसके संदेही दोस्तों के साथ देखा गया था। इस पर अपने स्तर पर उसके दोस्तों से भी पूछताछ कर जानकारी ली गई। लेकिन दोस्तों ने कई दिनों से उससे मुलाकात नहीं होने का बहाना बनाकर पल्ला झाड़ लिया। मुख्य आरोपित आदमी आदित्य को उसके घर तक बुलाने गया था। क्राइम ब्रांच की पूछताछ में उसने ही हत्या का राज खोला।
आरोपित ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि उसने आदित्य से गाड़ी खरीदने के लिए रकम ली थी। वह 15 हजार रुपये के एवज में 25 हजार रुपये की मांग कर रहा था। इसी बात को लेकर वह किशन पर दबाव बना रहा था।
पुलिस के अनुसार आरोपित किशन यादव ने इस वारदात में पुलिस लाइन क्वार्टर निवासी 16 वर्षीय बाल आरक्षक व तिफरा के यदुनंदननगर निवासी 10वीं कक्षा के छात्र को शामिल किया। दोस्ती के चक्कर में वे भी फंस गए। एक नाबालिग का पिता नगर निगम में कार्यरत है। वारदात को अंजाम देने के लिए उसके नवनिर्मित मकान को चुना गया। हत्या के बाद उन्होंने मृतक के पर्स में रखे पांच हजार रुपए को रख लिए। फिर पर्स, कैमरा व चाकू को नाले में फेंक देने की जानकारी दी।
मृतक छात्र आदित्य के दो बड़े भाई हैं, जिनमें एक कोमल सिंह व दूसरा कमल सिंह है। कोमल सिंह प्रेस रिपार्टर है। इस घटना के बाद से परिजन घबराए थे और उन्हें अनहोनी की आशंका थी। गुरुवार को दोपहर क्राइम ब्रांच की टीम ने उन्हें बुलाकर जैसे ही उसके भाई के हत्या की खबर दी। कोमल व कमल बिलख-बिलखकर रोने लगे। वहीं, कोमल सिंह अचानक बेहोश हो गया। उसे इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है।