मुंबई- बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता अनुपम खेर के लिए पिछला सप्ताह लकी रहा है। एक ओर उन्हें भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान, पुणे का चेयरमैन बना दिया गया, वहीं दूसरी ओर उनकी फिल्म 13 अक्टूबर को रिलीज़ हुई। अपनी फिल्म रांची डायरीज़ को लेकर जागरण डॉट कॉम से खास बातचीत में अनुपम ने सिनेमा को लेकर अपनी राय दी।
समाज को बदलने वाली फिल्में बनाने को लेकर सवाल पर जवाब देते हुए अनुपम ने कहा कि, फिल्म का मुख्य मकसद होता है एंटरटेनमेंट। एंटरटेनमेंट में चला जाए मैसेज तो बहुत अच्छी बात है। जैसे फिल्म टॉयलेट एक प्रेम कथा है। यह फिल्म अच्छी है जो एंटरटेनमेंट के मैसेज भी देती है। इसको एेसे देखा जा सकता है कि, दादी जो कहानियां सुनाती थीं उनका तरीका अलग था। सच होती थी और मैसेज देती थीं। लेकिन अगर आप सिर्फ यह सोचकर फिल्म बनाएंगे कि मैसेज देना है तो लोग नहीं देखेंगे। यहां जरूरत होती है मैसेज को स्मार्टली देने की। चूंकि अॉडियंस स्मार्ट है। वो समझ जाती है कि एक्टिंग की एक्टिंग तो नहीं हो रही। रियल है या नहीं। इसलिए समाज को बदलने के लिए अगर फिल्में बनाना ही हैं तो एंटरटेनमेंट के साथ अच्छा मैसेज दिया जाए। फिल्म सत्यकाम, सारांश, दिल वाले दुल्हनिया ले जाएंगे एेसी फिल्मों के बेहतरीन उदाहरण हैं।
आपको बता दें कि, रांची डायरीज़ रिलीज़ हो चुकी है। इस फिल्म को सत्विक मोहंती ने डायरेक्ट किया है जिसमें जिमी शेरगिल और सौदर्या शर्मा अहम भूमिका में हैं।