पश्चिम बंगाल सरकार ने शुक्रवार को कहा कि वह राज्य सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के परिपत्र का पालन करने का निर्देश नहीं देगी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 11 सितंबर के संबोधन को देखने के लिए कहा गया है। इस परिपत्र में सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और उच्च शिक्षा संस्थानों के प्रमुखों से कहा गया है कि वे “मोदी के संबोधन को देखने के लिए शिक्षकों और विद्यार्थियों को अवसर मुहैया कराएं।” मोदी शिकागो विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानंद के संबोधन की 125वीं वर्षगांठ और पंडित दीनदयाल उपाध्याय के शताब्दी समारोह के अवसर पर नई दिल्ली में विद्यार्थियों के एक सम्मेलन को संबोधित करेंगे। सम्मेलन का विषय है -‘युवा भारत, नया भारत पुनरुत्थानकारी राष्ट्र : संकल्प से सिद्धि तक’।
पश्चिम बंगाल के शिक्षामंत्री पार्था चटर्जी ने कहा, “यह शिक्षा का भगवाकरण करने का एक स्पष्ट प्रयास है। वे हमारे साथ परामर्श किए बिना खुद ही फैसले ले रहे हैं।” चटर्जी ने कहा, “हमें कोई निर्देश नहीं मिला, इसलिए हम विश्वविद्यालयों को कोई निर्देश नहीं दे पाएंगे और यह विचार कि राज्य सरकार द्वारा संचालित विश्वविद्यालयों का केंद्र सरकार मार्गदर्शन करेगी, वह भी हमसे बिना परामर्श किए, यह गलत है।” अगस्त में, राज्य सरकार ने सभी स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों को मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय द्वारा निर्धारित प्रारूप में स्वतंत्रता दिवस 2017 का जश्न मनाने के लिए सभी तैयारियों पर रोक लगाने के लिए जरूरी निर्देश जारी किए थे।