नई दिल्ली : महंगाई की मार झेल रही जनता को एक बार फिर मंहगाई की बोझ झेलनी पर सकती है। आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल के दामों में वृद्धि होने का अनुमान जताया जा रहा है। कच्चे तेल के दामों में बढ़ोतरी होने के कारण पेट्रोल-डीजल के दाम एक बार फिर बढ़ सकते है। विदेशी बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में एकतरफा तेजी बनी हुई है जिससे भारतीय तेल कंपनियों की लागत बढ़ रही है और तेल कंपनियां पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी कर इस लागत का बोझ आने वाले दिनों में ग्राहक पर डाल सकती है।
शुक्रवार को विदेशी बाजार में कच्चे तेल का भाव 59.05 डॉलर के ऊपरी स्तर तक गया था जो जून 2015 के बाद सबसे अधिक भाव है। फिलहाल विदेशी बाजार में भाव 59 डॉलर के नीचे है। विदेशी बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में आई तेजी का असर भारतीय बास्केट के लिए पड़ सकता है। पिछले हफ्ते भारतीय बास्केट के लिए कच्चे तेल का भाव फिर से 62 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर पहुंच गया है। इस महीने की शुरुआत में भारतीय बास्केट के लिए कच्चा तेल 62.83 डॉलर प्रति बैरल के ऊपरी स्तर तक गया था जो करीब 28 महीने में सबसे अधिक भाव है। तेल कीमतों में हो रही लगातार बढ़ोतरी की वजह से उनकी लागत बढ़ रही है जिसका बोझ वह ग्राहकों पर डाल सकती हैं।
फिलहाल देश के प्रमुख शहरों मे पेट्रोल और डीजल के दाम इस तरह से हैं। दिल्ली में सोमवार को पेट्रोल का दाम 69.28 रुपए, मुंबई में 76.52 रुपए, कोलकाता में 72.04 रुपए और चेन्नई में 71.80 रुपए प्रति लीटर दर्ज किया गया है। अक्टूबर की शुरुआत में केंद्र सरकार ने जब एक्साइज में कटौती कर पेट्रोल और डीजल की कीमतों को कम किया था तो उस समय मुंबई में पेट्रोल 80 रुपए और दिल्ली में 70.88 रुपए प्रति लीटर हो चुका था। अब कच्चे तेल की कीमतों में हुई बढ़ोतरी की वजह से पेट्रोल का दाम फिर से इसी स्तर तक पहुंचने की संभावना बढ़ गई है।