प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में भ्रष्टाचार का खुलासा – दो साल में सिर्फ एक किलोमीटर सड़क बनी
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (PMGSY), जिसे ग्रामीण विकास की रीढ़ माना जाता है, खूंटी जिले में भ्रष्टाचार का प्रतीक बन गई है। रनिया प्रखंड अंतर्गत गढ़सिदम से जलमांदी होते हुए कुलाप तक बनने वाली 8 किलोमीटर सड़क में भारी अनियमितता और लापरवाही सामने आई है।
कागज़ पर पूरी, ज़मीन पर अधूरी
सड़क का निर्माण 11 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ था और 15 फरवरी 2025 तक पूरा होने की समय-सीमा थी। लेकिन दो साल बीतने के बाद भी सड़क का केवल 10% हिस्सा ही तैयार हो पाया है। जर्जर सड़क, अधूरी पुलिया और घटिया क्वालिटी के पत्थरों ने योजना की सच्चाई उजागर कर दी है।
जिला परिषद अध्यक्ष ने किया निरीक्षण
ग्रामीणों की शिकायत पर जिला परिषद अध्यक्ष मसीह गुड़िया ने गढ़सिदम से कुलाप तक सड़क का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया:
सड़क 2023 में शुरू हुई थी, फरवरी 2025 तक खत्म होनी थी, लेकिन आज सिर्फ एक किलोमीटर सड़क बनी है। 8 किलोमीटर का पैसा खर्च हो चुका, लेकिन सड़क ज़मीन पर नहीं बनी। पूरा मामला विभाग को सौंपा जाएगा।
ग्रामीणों का आक्रोश
ग्रामीणों ने योजना की कमी और भ्रष्टाचार पर नाराजगी जताई“बोर्ड पर लिखा है काम पूरा, लेकिन ज़मीन पर सड़क अधूरी है। बच्चों का स्कूल जाना भी मुश्किल हो गया है। सड़क सिर्फ बोर्ड पर बनती है, जनता ठगी जा रही है। बोर्ड पर फर्जी नाम लिखा गया है। ठेकेदार ने पैसा निकाल लिया और काम अधूरा छोड़ दिया। उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
स्कूल और यातायात प्रभावित
स्कूली छात्रा रिजीत गुड़िया ने कहा कि सड़क इतनी खराब है कि साइकिल चलाना भी मुश्किल है। मंगल सोय (कुलाप गांव) ने बताया कि पुलिया अधूरी हैं और सड़क की ढलाई कमजोर होने के कारण भारी वाहन चलाने पर सड़क टूट जाएगी।
प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का उद्देश्य गांव-गांव को जोड़ना था, लेकिन खूंटी में यह योजना भ्रष्टाचार की निशानी बन गई है। ग्रामीणों ने विभाग और सरकार से तत्काल जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।

