पुरी के समुद्र तट पर एक बार फिर समुद्री लहरों से खतरा उत्पन्न होने के लक्षण दिखाई देने लगे हैं। पुरी-कोणार्क मार्ग पर लहरों से काफी नुकसान पहुंचा है। रविवार को पूíणमा के दिन समुद्र के अशांत होने और अधिक लहरों की संभावना को देखते हुए तटीय क्षेत्र के लोगों में भय का माहौल बना रहा। उधर, प्रशासन की टीम ने तटीय इलाके का दौरा कर लहरों से नुकसान का जायजा लिया।
पिछले कुछ दिनों से समुद्री लहरों का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है। लहरें अब तटीय इलाके में बनी सड़क के पास तक पहुंच गई हैं। इससे करीब 300 फीट की चौड़ाई में तट का बालू बहकर समुद्र में जा चुका है। इससे पुरी के समुद्र तट पर स्थित सड़क पर खतरा मंडराने लगा है। पिछले साल भी समुद्री लहरों ने बालू का बहाव कर तटीय इलाके में कोहराम मचाया था। 21 अगस्त को ही एक विशेषज्ञों की एक टीम ने समुद्री लहरों के इस व्यवहार का जायजा लिया था। मगर तब इसे एक स्वाभाविक प्रक्रिया मान लिया गया। इसके बाद अब नई दिल्ली से एक उच्चस्तरीय टीम को बुलाने की बात चल रही है जो समस्या के जड़ तक जाकर इसके स्थाई निदान का उपाय सुझाएगी।