प्रद्युम्न मर्डर केस में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार ही नहीं, बल्कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय, हरियाणा सरकार और सीबीएसई पर कड़ा रुख अपनाया है। कोर्ट ने इन सभी को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते के भीतर में जवाब मांगा है। प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, ‘एक मासूम की हत्या हुई है। यह याचिका सिर्फ संबंधित स्कूल तक सीमित नहीं है, क्योंकि इसका देशव्यापी प्रभाव है। इसीलिए एक्शन लेना जरुरी है’।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद प्रद्युम्न के पिता वरुण ठाकुर की आंखें छलक आई। उन्होंने कहा कि, ‘कोर्ट के एक्शन से हम खुश हैं। हमें कोर्ट पर भरोसा है। मेरे बेटे की हत्या की जांच सीबीआई निष्पक्ष तौर पर करे यह मैं चाहता हूं’।
CBSE से भी मांगा जवाब
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनंजय वाई चन्द्रचूड की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने इस तरह की घटनाओं के मामले में स्कूल प्रबंधन की जिम्मेदारी निर्धारित करने और स्कूल में बच्चों की सुरक्षा के लिए दिशानिर्देश बनाने पर केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से भी जवाब मांगा है।
रेयान इंटरनेशनल स्कूल में 8 सितंबर को दूसरी क्लास में पढ़ने वाले 7 साल के प्रद्युम्न के साथ कुकर्म की कोशिश करने के बाद उसकी गला रेतकर बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। देर रात पुलिस ने इस मामले में बस कंडक्टर अशोक समेत तीन लोगों को हिरासत में लिया था। पुलिस द्वारा पूछताछ में आरोपी अशोक ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। हालांकि, पुलिस को संदेह है कि प्रद्युम्न की हत्या किसी और वजह से हुई है। उसके परिवार वाले सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं।