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पापा मुझे बचा लो, मैं जीना चाहता हूं, बेटे के आखिरी बोल

नॉर्थ दिल्ली: पापा मुझे बचा लो, मैं जीना चाहता हूं। मुझे तीन लोग शौच के बहाने अपने घर ले गए और फिर उन्होंने पकड़कर चाकुओं से मारना शुरू कर दिया, इतना कहकर मो.नावेद (9) की हॉस्पिटल में सांस थम गई। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी भिजवा दिया है। पुलिस अधिकारियों की मानें तो पिता से रंजिश के चलते पूर्व नौकर ने अपने दो अन्य साथियों के साथ मिलकर मासूम को अगवा कर हत्या की वारदात को अंजाम दिया। फिलहाल बुराड़ी थाना पुलिस हत्या सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच में जुटी है। 

पुलिस के अनुसार, मूलरूप से यूपी के गांव बहराईच निवसी नावेद पिता रफीसुद्दीन, मां नसरिन के साथ वेस्ट संतनगर बुराड़ी इलाके में रहता था। रफीसुद्दीन संत नगर में नेहरू वाली गली में गन्ने के जूस की रेहड़ी लगाता है, जबकि पत्नी का ग्रीन पार्क में हार्ट का इलाज चल रहा है। रफीसुद्दीन ने बताया कि दो महीने पहले पुत्तन, ददन और मुन्ना को गांव से जूस की दुकान में काम करने के लिए बुलाया था। गत शुक्रवार को तीनों ने घर जाने के बहाने पैसे मांगे तो उन्हें 25 हजार रुपए दे दिए। वे तीनों और अधिक पैसों की मांग करने लगे तो रफीसुद्दीन ने मना कर दिया। इस बात पर नाराज होकर तीनों ने उसे जान से मारने की धमकी दी। 

आरोप है कि रविवार शाम करीब 5 बजे तीनों युवकों ने नावेद को रास्ते में पकड़ लिया और अपने कमरे पर ले गए। जहां आरोपियों ने उसका चेहरा पकड़कर चाकू से गर्दन पर 5-6 वार कर खून से लहूलुहान कर दिया। वारदात के बाद आरोपी बदमाश मौके से फरार हो गए। करीब आधे घंटे बाद रफीसुद्दीन ने अपने कर्मचारी को नावेद को देखने के लिए घर भेजा तो वह नहीं मिला। इसके बाद कर्मचारी को लेवर वाली गली में भेजा,जहां नावेद जख्मी हालत में पड़ा हुआ था। तुरंत मौके पर पहुंची पुलिस ने जख्मी हालत में किशोर को ट्रामा सेंटर हॉस्पिटल में भर्ती कराया,जहां उसका इलाज चल रहा था। नावेद ने आखिरी समय पिता से बातचीत कर बताया कि पापा मुझे बचा लो, तीन लड़कों ने मुझे पकड़कर चाकुओं से मारा है। हालांकि, मंगलवार सुबह इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस तीनों आरोपियों की तलाश में जगह-जगह दबिश दे रही है। 

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