मीना कुमारी का 1 अगस्त को 85वां जन्मदिन है। मीना कुमारी की असल जिंदगी भी उनकी फिल्मों की तरह ही दिलचस्प और ट्रेजडी से भरी रही। मीना कुमारी की आखिरी फिल्म पाकीजा 1972 में रिलीज हुई थी। लेकिन इसे बनने में 14 साल का समय लगा। डायरेक्टर और मीना कुमारी के पति कमाल अमरोही ने फिल्म बनाने की घोषणा 1958 में कर दी थी, और तब फिल्म की शूटिंग भी शुरू हो चुकी थी। लेकिन शूटिंग के पहले 10 साल में घटी ये घटनाएं मीना कुमारी के साथ कमाल अमरोही ने फिल्म की शूटिंग शुरू की। उस वक्त यह फिल्म ब्लैक एंड व्हाइट में बन रही थी। लेकिन ईस्टमेन कलर का चलन बढ़ने के कारण अमरोही ने शूटिंग रोक दी। उस दौर तक शूट किए गए सभी सीन दोबारा कलर में शूट किए गए। 1964 में मीना कुमारी आैर कमाल अमरोही का तलाक हो गया और पाकीजा की शूटिंग एक बार फिर रुक गई। 1968 में शूटिंग दोबारा शुरू की गई, लेकिन तब तक मीना कुमारी को शराब की लत लग चुकी थी और उनकी स्थिति काफी गंभीर थी। हालांकि फिल्म के लिए अभी भी मीना कुमारी, अमरोही की एकमात्र चॉइस थीं, इसलिए मीना भी फिल्म करने के लिए राजी हो गईं।
कमाल से तलाक के बाद मीना कुमारी को हलाला निकाह से गुजरना पड़ा। जिसके कारण मीना कुमारी टूट गई थीं। 1964 में शूटिंग बंद होने के बाद सुनील दत्त और नरगिस ने कुछ सीन देखे और सोचा कि इस मास्टरपीस को दुनिया के सामने आना चाहिए। इसलिए नरगिस और सुनील दत्त, कमाल अमरोही और मीना कुमारी से मिले आैर उन्हें फिल्म दोबारा शुरू करने के लिए मना लिया। 1958 से 1972 तक पाकीजा की शूटिंग के 14 साल के दौरान कमाल ने पाकीजा की स्टार कास्ट के साथ ही ‘दिल अपना और प्रीत पराई’ फिल्म बनाकर रिलीज कर दी थी। पाकीजा की शूटिंग आखिरी दौर में चल रही थी, लेकिन मीना की हालत बेहद खराब हो गई थी। इसलिए डांस सीक्वेंस करने के लिए मीना कुमारी की बॉडी डबल के तौर पर पद्मा खन्ना को लिया गया। फिल्म के हर डांस सीक्वेंस का लॉन्ग शॉट पद्मा खन्ना पर ही शूट किया गया। राजकुमार का ट्रेन में मीना कुमारी के साथ शूट किए गए सीन में भी मीना कुमारी नहीं थीं। बल्कि वह सीन पद्मा खन्ना के साथ शूट किया गया था।
1972 में पाकीजा रिलीज हुई। लेकिन रिलीज के तीन हफ्ते बाद 31 मार्च को लिवर सिरॉसिस के चलते मीना का निधन हो गया। मीना कुमारी के निधन के बाद फिल्म सुपरहिट हो गई।