इस्लामाबाद । अमेरिका और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। इसी का नतीजा है कि आतंकियों के अड्डों को खत्म करने के बजाय इस्लामाबाद ने टकराव के रास्ते पर चलने के संकेत दिए हैं। पाकिस्तान ने अमेरिका द्वारा प्रतिबंध लगाने या महत्वपूर्ण गैर-नाटो देश का दर्जा कम करने के कदम का जवाब देने के लिए त्रिस्तरीय सख्त कूटनीतिक नीति तैयार की है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 22 अगस्त को दक्षिण एशिया और अफगानिस्तान के लिए नई नीति की घोषणा की थी। इसमें उन्होंने पाकिस्तान को आतंकियों की पनाहगाह बताते हुए कड़ी आलोचना की थी। साथ ही आतंकियों के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने और अफगानिस्तान में भारत की भूमिका बढ़ाने की बात कही थी। ट्रंप के इस एलान के बाद विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई न करने पर पाकिस्तान का महत्वपूर्ण गैर-नाटो देश का दर्जा घटाने जैसे कदम उठाने के संकेत दिए थे। पाकिस्तानी अखबार ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ के मुताबिक अमेरिका को जवाब देने के लिए तीन विकल्पों वाली सख्त ‘कूटनीतिक नीति’ बनाई गई है। अमेरिका द्वारा कदम उठाए जाने पर इसे अमल में लाया जाएगा। हालांकि, इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की मंजूरी लेनी होगी।
रिश्तों को करेगा सीमित
पाकिस्तान नई नीति के तहत अमेरिका के साथ अपने कूटनीतिक रिश्तों को धीरे-धीरे सीमित करेगा। आतंकवाद से जुड़े मसलों में सहयोग को कम करेगा और अफगानिस्तान में अमेरिकी रणनीति के खिलाफ असहयोग की नीति अपनाएगा। रिपोर्ट की मानें तो अंतिम नीति के तौर पर अफगानिस्तान में तैनात नाटो सुरक्षाबलों को पाकिस्तान के जरिये की जा रही आपूर्ति रोक दी जाएगी।
खटास दूर करने का प्रयास
सोमवार से शुरू हुए संयुक्त राष्ट्र महासभा के अधिवेशन में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी भी हिस्सा लेंगे। अब्बासी इस अमेरिका यात्रा में उपराष्ट्रपति माइक पेंस से मुलाकात करेंगे। इस दौरान आपसी मतभेदों को दूर करने की कोशिश की जाएगी। दोनों देशों के विदेश मंत्री भी मिलेंगे।