चिकनगुनिया और डेंगू को लेकर स्थिति सुधरती नजर नहीं आ रही है। रोगियों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। मंगलवार को 39 चिकनगुनिया और पांच चिकनगुनिया व डेंगू के नए मरीज मिलें। रिम्स निदेशक डॉ आरके श्रीवास्तव ने बताया कि सोमवार को कुल 78 ब्लड सैंपल जांच के लिए हिंदपीढ़ी क्षेत्र से लाए गए थे। जांच में कुल 44 मरीजों के ब्लड सैंपल पॉजिटीव पाए मिलें। दूसरी ओर रिम्स में पांच नए डेंगू के मरीज भर्ती किए गए हैं। जिसमें से एक एसटीएफ का जवान और दूसरी देवघर की 14 माह की बच्ची भी शामिल है। बाकी विभिन्न इलाकों से आए डेंगू के मरीज हैं।
अभी तक की जांच में कुल 191 नए मरीज मिल चुके हैं। जिसमें 165 चिकनगुनिया, 12 डेंगू और 14 डेंगू व चिकनगुनिया दोनों पाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सिविल सर्जन को निर्देश दिया है कि वो लगातार इन जगहों पर कैंप कर बीमारी की पहचान करें। साथ ही उनके समूचित इलाज की व्यवस्था कर लोगों को जागरूक भी किया जाए। इस संदर्भ में विभाग ने पहले ही अलर्ट जारी कर दिया है। जिसमें रिम्स को भी पूरी व्यवस्था के साथ किसी भी परिस्थितियों में तैयार रहने को कहा गया है।
हिंदपीढ़ी क्षेंत्र के चार स्थानों पर मंगलवार को सदर अस्पताल व लहू बोलेगा टीम के सहयोग से लगाए गए जांच शिविर में कुल 88 लोगों के ब्लड सैंपल जांच के लिए रिम्स भेजा गया है। शिविर में कुल 376 लोग जांच के लिए पहुंचे थे। सिविल सर्जन डॉ वीबी प्रसाद ने बताया कि उन्हीं के सैंपल लिए गए जिनमें डेंगू व चिकनगुनिया के लक्षण दिखायी दे रहे थे।
हिंदपीढ़ी के मिल्लत एकेडमी स्कूल में लगे कैंप में 140 लोग जांच के लिए पहुंचे। जिसमें से 34 लोगों के ब्लड सैंपल लिए गए। दूसरा शिविर सामुदायिक भवन इमारत नगर आजाद बस्ती में लगाया गया था, जहां 91 मरीजों को देखा गया और 16 मरीजों का सैंपल लिया गया। मंथन युवा संस्थान में 25 मरीजों में से दस मरीज का ब्लड सैंपल भेजा गया। हल्लाखोर पंचायल भवन में आयोजित शिविर में 120 मरीज जांच के लिए पहुंचे। जिसमें 28 मरीजों का ब्लड सैंपल जांच के लिए भेजा गया।
लहू बोलेगा संस्था के संयोजक नदीम खान ने बताया कि हिंदपीढ़ी के नाला रोड निवासी मो इकराम की मौत मंगलवार को चिकनगुनिया से हो गई है। वो रिम्स में भर्ती थे। जबकि सिविल सर्जन का कहना है कि अभी तक एक भी मौत चिकनगुनिया या डेंगू से नहीं हुई है। उनकी बीएसटी रिपोर्ट के अनुसार उन्हें सांस की समस्या थी और उसे मेडिसिन वार्ड में भर्ती कराया गया था। मो इकराम को कभी भी डेंगू वार्ड में भर्ती नहीं कराया गया।
स्वास्थ्य सचिव निधि खरे ने कहा है कि चिकनगुनिया और डेंगू से एक भी मरीज की मौत नहीं हुई है। उन्होंने बताया कि रिम्स एचओडी डॉ जेके मित्रा के अनुसार मो इकराम को ना ही चिकनगुनिया था और ना ही डेंगू बीमारी थी।