मुंबई : संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती पर अब भी विवाद जारी है, लेकिन इसी बीच इससे जुड़ी एक नयी खबर आ रही है कि विवाद को खत्म कर रिलीज की तारीख की घोषणा करने के लिए 6 सदस्यों की कमेटी बनाई गई है। इस कमेटी में इतिहासकारों के अलावा राजघरानों के लोगों को भी शामिल किया गया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष प्रसून जोशी ने मेवाड़ राजपरिवार के विश्वराज सिंह से भी फिल्म देखने की गुजारिश की है।
मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, इन लोगों के लिए स्पेशल स्क्रीनिंग गुरुवार को या 7 जनवरी को रखी जा सकती है। ये सभी सदस्य मिलकर फैसला करेंगे कि फिल्म को कब रिलीज किया जाना चाहिए या फिर रिलीज किया जाना चाहिए या नहीं।
पिछले दिनों विश्वजीत सिंह ने हिंदुस्तान टाइम्स को बताया था, राजपूत समाज के लिए रानी पद्मावती उनकी परंपरा की प्रतीक है और वे दृढ़ता से उनका सम्मान करते हैं। रानी पद्मिनी पर आधारित फिल्म पद्मावती में इतिहास को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया है, जो स्वीकार्य नहीं है। फिल्म की रिलीज से पहले गाने, पोस्टर देखने से पता चलता है कि रानी पद्मावती का जीवन चरित्र गलत ढंग से प्रस्तुत किया गया है।’
कई राजपूत संगठनों का आरोप है कि फिल्म के निर्माता-निर्देशक संजय लीला भंसाली ने ऐतिहासिक तथ्यों के साथ छेड़छाड़ की है जिसवजह से वह फिल्म का लगातार विरोध कर रहे हैं। रानी पद्मावती ऐतिहासिक क़िरदार हैं या नहीं इसे लेकर भी इतिहासकारों में मतभेद हैं। कुछ इतिहासकार पद्मावती को मलिक मोहम्मद जायसी की कल्पना बताते हैं तो कुछ उन्हें ऐतिहासिक क़िरदार मानते हैं।