जयपुर : संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती को लेकर विरोध का स्वर तेज ही होता जा रहा है। अब इस बवाल का असर चित्तौड़गढ़ के किले पर पड़ा है। प्रदर्शनकारियों ने चित्तौड़गढ़ किले के गेट को बंद कर दिया है। किला घूमने आए हर सैलानी को किले के गेट से ही लौटा दिया जा रहा है। चित्तौड़गढ़ में बंद का ऐलान कर दिया गया है।
एक दिसंबर को रिलीज होने जा रही भंसाली की फिल्म पद्मावती पर ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ का आरोप लगाया जा रहा है। इस फिल्म में दीपिका पादुकोण रानी पद्मावती का किरदार अदा कर रही हैं। करणी सेना ने दीपिका को सीधे चुनौती देते हुए कहा है कि उन्हें भड़काने की बुरी कीमत चुकानी पड़ेगी।
भारत के सबसे बड़े किलों में शामिल चित्तौड़ दुर्ग के पाडनपोल में बीते कई दिनों से फिल्म पद्मावती के विरोध में सर्व समाज की ओर से धरना दिया जा रहा है। जौहर स्मृति संस्थान के अध्यक्ष उम्मेद सिंह के अनुसार आज विरोध स्वरुप पर्यटकों को किले में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। जबकि किले में रहने वाले लोगों की आवाजाही पर कोई असर नहीं होगा। इस बंद के कारण आज यहां आने वाली शाही ट्रेन के पर्यटकों को भी यहां नहीं लाया जाएगा।
बता दें कि फिल्म पद्मावती के प्रदर्शन के विरोध में सर्वसमाज ने 17 नवंबर को चित्तौड़ के किले को बंद रखने का ऐलान किया था। पाडनपोल धरना स्थल पर चेतावनी दी थी कि 16 नवंबर तक फिल्म पर बैन नहीं लगा तो 17 को किलाबंदी कर पर्यटकों का प्रवेश रोक दिया जाएगा। इसे लेकर गुरुवार को दिनभर आंदोलन से जुड़े लोग सक्रिय रहे। पुलिस प्रशासन ने भी सुरक्षा के इंतजाम किए।
किसी आंदोलन को लेकर दुर्ग पर पर्यटकों का प्रवेश पहली बार बंद होगा। इससे पहले 1992, 2002 और 2008 में शहर में कर्फ्यू या सांप्रदायिक तनाव के दौरान जरूर पर्यटक दुर्ग पर नहीं जा सके थे, लेकिन तब इसके लिए औपचारिक एेलान नहीं हुआ था।