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पटना : 2024 से दौड़ेगी मेट्रो, जाम से मिलेगी राहत, 55 स्टेशन प्रस्तावित

मोबिलिटी प्लान का अधिकारियों ने दिया प्रेजेंटेशन, सीएस के साथ एक घंटा चली बैठक 
पटना : पटनावासियों के लिए खुशखबरी है. 2024 से यहां भी मेट्रो का परिचालन शुरू हो जायेगा. मुख्य सचिव दीपक कुमार ने इसकी पुष्टि की है. 
उन्होंने कहा कि सबकुछ ठीकठाक रहा, तो इस वित्तीय वर्ष के अंत तक निर्माण कार्य भी शुरू हो जायेगा. मोबिलिटी प्लान को लेकर मंगलवार को मुख्य सचिवालय के सभा कक्ष में अधिकारियों ने प्रेजेंटेशन दिया. तय हुआ कि पटना में यातायात के दबाव के हिसाब से मेट्रो का ही परिचालन होना चाहिए. राजधानी की दो रूटों के लिए डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) पहले से ही तैयार है. इस दौरान वित्त विभाग की प्रधान सचिव सुजाता चतुर्वेदी, पटना के डीएम कुमार रवि, परिवहन सचिव संजय अग्रवाल आदि मौजूद थे. 
उधर, प्रेजेंटेशन के बाद नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद ने कहा कि यह रिपोर्ट लोक वित्त समिति के सामने भेजी जायेगी. वहां से मुहर लगने के बाद इसे कैबिनेट में रखा जायेगा. यहां से पास होने के बाद भारत सरकार को भेजा जायेगा. वहां करीब 28 विभागों के मंथन के बाद हरी झंडी मिलेगी.
55 स्टेशन प्रस्तावित
राजधानी में राइट्स द्वारा तैयार मेट्रो की डीपीआर में 55 रेलवे स्टेशन प्रस्तावित हैं. औसतन प्रति किलोमीटर पर एक मेट्रो स्टेशन तैयार करने की योजना है. मेट्रो रेल की कुल लंबाई 60 किलोमीटर होगी. इसके लिए पांच कॉरिडोर तैयार किये जाने हैं. पूर्व की डीपीआर में सबसे बड़ा मेट्रो रेल मार्ग 16 किलोमीटर का है, जो नाॅर्थ-साउथ कॉरिडोर के नाम से जाना जायेगा. यह पटना जंक्शन से शुरू होकर गांधी मैदान, पीएमसीएच, पटना विवि, राजेंद्र नगर, एनएमसीएच, जीरोमाइल होते हुए आईएसबीटी तक जायेगा.
 
प्रोजेक्ट के लिए चाहिए जमीन
 
53,173 वर्ग किलोमीटर कुल क्षेत्रफल
 
छह किमी का रूट, इसी वित्तीय वर्ष में शुरू होगा काम
मेट्रो प्रोजेक्ट के एक फेज का काम इसी वित्तीय वर्ष में शुरू होगा. राजधानीवासियों को पहली मेट्रो सेवा से सफर करने का मौका 2024 में मिलेगा. प्रोजेक्ट पर पहला कार्य नॉर्थ-साउथ कॉरिडोर पर होगा. इसका पहला रूट  मीठापुर से बैरिया स्थित अंतरराज्यीय बस पड़ाव तक छह किमी का होगा. इसके बाद अन्य रूटों पर निर्माण शुरू होगा. 
नयी मेट्रो पॉलिसी तैयार हो चुकी है. बिहार सरकार ने पूर्व में पटना मेट्रो की डीपीआर तैयार कर दिसंबर, 2016 में केंद्र सरकार को सौंप दी थी. डीपीआर भेजने के बाद केंद्र सरकार ने नयी नीति तैयार की थी. इसलिए नयी मेट्रो नीति के अनुसार पटना मेट्रो की डीपीआर में संशोधन का काम केंद्र की एजेंसी राइट्स लिमिटेड को सौंपा गया था. राइट्स ने ही पहले डीपीआर तैयार की थी. इसमें संशोधन के लिए छह माह का समय दिया गया था.
पटना में मेट्रो का सपना
पटना मेट्रो प्रोजेक्ट को लेकर नगर विकास एवं आवास विभाग ने 18 जून, 2013 को संकल्प लिया. 11 नवंबर, 2013 तक नागरिकों से सुझाव आमंत्रित किये गये थे. कैबिनेट की मंजूरी के पहले सरकार ने 28 जनवरी, 2015 को इन्वेस्टर मीट आयोजित की. निवेशकों के सुझावों के बाद राज्य कैबिनेट ने नौ फरवरी, 2016 को इसको मंजूरी दी. सीएम नीतीश कुमार के सामने मेट्रो का प्रेजेंटेशन 20 मई, 2015 को किया गया. 

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