पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने मंगलवार को नोटबंदी को संगठित लूट करार दिया। इस पर भारत सरकार के वित्तमंत्री व बीजेपी के वरीय नेता अरूण जेटली ने पलटवार करते हुये कहा कि पिछले वर्ष 8 नवंबर को पूरे देश में लागू की गई नोटबंदी यदि संगठित लूट थी तो पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में हुये 2जी स्पेक्ट्रम, सीडब्ल्यूजी और कोयला घोटाला क्या थे ? अपनी पार्टी और सरकार की ओर से मोर्चा संभालते हुए उन्होंने कहा कि इसको लूट कहना, एटीं ब्लैकमनी ड्राइव, एक इथीकल ड्राइव है। लूट तो वो होती है जो 2जी स्पेक्ट्रम, कॉमनवेल्थ गेम्स और जो कोल ब्लॉक के आवंटन में हुई। उन्होंने बताया कि इथिक्स के मामले में कांग्रेस और हमारा दृष्टिकोण एकदम अलग है। उनका मूल काम एक परिवार की सेवा करना है, जबकि हमारा काम देश की सेवा करना है।
नोटबंदी पर मनमोहन के सवाल और अरूण जेटली के जवाब
1. मनमोहन सिंह के सवाल: नोटबंदी के फैसले को लोगों पर थोपा गया था। जब नोटबंदी का ऐलान हुआ तो ये सुनते ही मुझे झटका लगा था। क्या जीडीपी और नोटबंदी पर सवाल करने वाला एंटी नेशनल हो जाता है ? नोटबंदी एक तरह की संगठित लूट थी।
अरूण जेटली का जवाब: पार्टी और सरकार की ओर से मोर्चा संभालते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पलटवार करते हुये कहा कि इसको लूट कहना, एटीं ब्लैकमनी ड्राइव, एक इथीकल ड्राइव है। लूट तो वो होती है जो 2जी स्पेक्ट्रम, कॉमनवेल्थ गेम्स और कोल ब्लॉक के आवंटन में हुई। उन्होंने बताया कि इथिक्स के मामले में कांग्रेस और हमारा दृष्टिकोण एकदम अलग है।
2. मनमोहन सिंह के सवाल: जीएसटी छोटे कारोबारियों के लिए बुरे सपना जैसा बन गया है। नोटबंदी की तरह ही जीएसटी को लेकर भी बार-बार नियम बदलने से दिक्कतें बढ़ी है। इससे टैक्स टेरिरिज्म बढ़ा है।
अरूण जेटली का जवाब: पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने जीएसटी को टैक्स टेररिज्म बताया था। इस पर अरूण जेटली ने कहा कि जो सिस्टम टैक्स चोरी को रोकने का काम कर रहा हो, वह आतंकवाद कैसे हो सकता है?
3. मनमोहन सिंह के सवालः ग्लोबल कंडीशन अच्छा होने के बाद भी हम इसका फायदा नहीं उठा सके। 25 साल की ग्रोथ धीमी है। मुझे दुख के साथ यह कहना पड़ रहा है कि केंद्र सरकार अपनी ड्यूटी निभाने में असफल रही है।
अरूण जेटली का जवाब: अरूण जेटली ने कहा कि मनमोहन सिंह को अंतरराष्ट्रीय रूप से भारत की अर्थव्यवस्था की तुलना करनी चाहिए। एक 2014 से पहले और दूसरा 2014 के बाद। 2014 से पहले की सरकार में फैसला लेने की कमी थी, जिसका सीधा असर अर्थव्यवस्था पर पड़ा था।
4. मनमोहन सिंह के सवाल: नोटबंदी लागू करने से पहले पीएम ने क्या एक बार भी गरीबों के बारे में सोचा ? इसके फायदे के बारे में सोचा ?
अरूण जेटली का जवाब: वित्त मंत्री ने कहा कि नोटबंदी लागू करने से पहले जो तैयारी होनीे चाहिए थी उसे सरकार ने पूरी कर ली थी।
5. गरीबी खत्म करने के दावे बनाम ढांचागत सुधार
मनमोहन सिंह – हमने 14 मिलियन लोगों को अपने कार्यकाल के दौरान गरीबी से मुक्त कराया।अरूण जेटली – दस साल तक एक पॉलिसी पैरालाईसिस, कुछ न करना, ऐसी हुकुमत चलाने का काम किया। पीएम ने एक ढांचागत सुधार कर बदलाव लाने का प्रयास किया है। यूपीए और एनडीए में एक तरफ पॉलिसी पैरालाईसिस और एक तरफ ढांचागत सुधार हो रहा है।
बैंक में पैसा आने से उसकी मालकियत का पता चला
अरूण जेटली ने कहा- लोगों ने सारा पैसा बैंक में डिपोजिट किया, अच्छा हुआ डिपोजिट किया। कैश सिस्टम में आने से उसकी मालकियत किसकी है पता चल जाती है। डेटा माइनिंग के जरिए 1.8 मिलियन लोग वो पहचाने गए जिनको जवाब देना पड़ा, इसलिए सिर्फ बैंक में चले जाना उससे नोटबंदी की सफलता और विफलता पर असर नहीं पड़ता। भारत को लेस कैश इकोनॉमी, हायर टैक्स पे, हायर डिजिटल इकोनॉमी बनाना ही लक्ष्य है।