नैक की टीम पहली बार कांके स्थित सूरज सिंह मेमोरियल कॉलेज का जायजा लेगी. इस कॉलेज के बारे में यह अवधारणा बन गई है कि यहां पर बगैर क्लास और प्रैक्टिकल के ही परीक्षा आयोजित होती है.
यूजीसी अब उन्हीं कॉलेजों को अनुदान देगा जिस कॉलेज की ग्रेडिंग बी या फिर बी पल्स होगी. कुछ ऐसी ही योजना के तहत एक बार फिर नैक की टीम रांची आ रही है. इस बार नैक की टीम रांची विश्वविद्यालय के पांच कॉलेजों का जायजा लेगी.
नैक की टीम पहली बार कांके स्थित सूरज सिंह मेमोरियल कॉलेज का जायजा लेगी. इस कॉलेज के बारे में यह अवधारणा बन गई है कि यहां पर बगैर क्लास और प्रैक्टिकल के ही परीक्षा आयोजित होती है. इतना ही नहीं छात्र पास भी कर जाते हैं. इस मुद्दे पर कॉलेज की प्रिसिपल का कहना है कि सच को झुठलाया नहीं जा सकता. उन्होंने कहा कि यह सच है कि कॉलेज में सभी क्लास वक्त पर नहीं हो पाते. लेकिन उनका मानना है कि नैक की टीम उनकी परेशानियों को जरूर समझेगी.
सूरज सिंह मेमोरियल कॉलेज की प्रिंसिपल डॉ. शैमसुई नैहर ने कहा कि जिस हिसाब से नैक के लिए तैयारी होनी चाहिए वह हमने बहुत हद तक कर ली गई है. यहां पहली बार नैक की टीम आ रही है. नैक से हमें अच्छी ग्रेडिंग की उम्मीद है. अगर नैक की टीम सारी चीजें ध्यान में रखते हुए बहुत समझदारी से देखेगी तब हमें अच्छी ग्रेडिंग देगी. ऐसा इसलिए क्योंकि हम इतने सीमित संसाधन में अच्छा रिजल्ट दे रहे हैं.
उन्होंने कहा कि इस बार हमारे कॉलेज का रिजल्ट भी बहुत अच्छा हुआ है. इंग्लिश में यूजी का टॉपर हमारे कॉलेज का है. यह हमारे कॉलेज के लिए बहुत फख्र की बात है. हम सीमित संसाधन में अपना बेस्ट देने का प्रयास कर रहे हैं.