नींद की शक्तिशाली गोलिया खाने वालों को अब सतर्क होने की जरूरत है। एक ताजा शोध में कहा गया है कि जो लोग नींद के लिए पॉवरफुल गोलियां लेते हैं उन्हें अल्जाइमर होने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। शोधकर्ताओं ने पता लगाया है कि जो लोग नींद के लिए एक तय मात्रा से ज्यादा दवा लेते हैं दिमाग को खराब करने की बीमारी का काफी ज्यादा बढ़ जाता है। यह शोध ब्रिटेन और अमेरिका के लोगों बड़े पैमाने पर किया गया।
यह शोध यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्टर्न फिनलैंड के शोधकर्ताओं द्वारा की गई। शोधकर्ताओं का दावा है कि ब्रिटेन में 260000 लोग और अमेरिका में 100 मिलियन यानी 10 करोड़ लोग बेंजोडायजेपीन्स और जेड ड्रग महीने में कम से कम एक बार लेते हैं। शोध में कहा गया गया कि इस ड्रक का इस्तेमाल चार हफ्तों से ज्यादा किसी भी कीमत में नहीं किया जाना चाहिए। इसके बाद भी अगर ये दवाएं लेनी पड़ती हैं तो कम मात्रा में लेना चाहिए।
डॉक्टर इन शक्तिशाली दवाओं को इसलिए रिकमंड करते हैं इनका इनका असर बहुत तेजी से होता है। कुछ समय के लिए इससे अनिद्रा और तनाव में आराम मिलता है।
जेड-ड्रग्स hypnotic sedatives हैं जो बेंजोज की तरह ही काम करते हैं। इनमें से सबसे ज्यादा चर्चित जोल्पिडेम, जोपिक्लोन और जेलप्लॉन हैं। इस बात के प्रमाण और ज्यादा बढ़ते जा रहे हैं कि नींद के लिए ली जाने वाली पॉवरफुल दवाइयां खतरनाक हैं। शोधकर्ताओं ने चेताया है कि ये दवाइयां इतनी खतरनाक हैं इनसे असमय मृत्यु भी हो सकती है।