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निवेश बाजार की मांग के मुताबिक होना चाहिए, मंत्रियों की इच्छा के हिसाब से नहीं: जेटली

नई दिल्ली (जेएनएन)। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनीवर्सिटी में अपने संबोधन के दौरान कहा कि मोदी सरकार की ओर से पेश की गई सुधारों की श्रृंखला जैसे कि नोटबंदी और जीएसटी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत ट्रैक पर ला दिया है।

उन्होंने कहा, “कुछ कदमों में से, नोटबंदी और जीएसटी हैं, क्योंकि जीएसटी के कारण मौजूदा स्टॉक्स की डी-लिस्टिंग को बढ़ावा मिल सकता है जो कि उत्पादन पर एक चौथाई या क्षणिक प्रभाव डाल सकते हैं। लेकिन लंबी अवधि के लिहाज से ये संस्थागत और संरचनात्मक सुधार है। इन परिवर्तनों ने भारत की अर्थव्यवस्था को अच्छे ट्रैक पर ला दिया है और ऐसे में हम आने वाले दिनों और सालों में एक स्वच्छ और बड़ी भारतीय अर्थव्यवस्था के बारे में सोच सकते हैं।”

जेटली ने कहा, “अधिक औपचारिक अर्थव्यवस्था को औपचारिक रूप से और विस्तारित करने के लिए लगातार कदम उठाए गए हैं, क्योंकि भारत में यह चिंता का विषय है। हम अर्थव्यवस्था को और औपचारिक बनाना चाहते हैं और शैडो इकोनॉमी के खिलाफ कदम उठाए जा रहे हैं।” निवेश के मामले में मंत्रियों के विशेषाधिकार के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, “इसे वापस लिए जाने की जरूरत है और इसे बाजार पर छोड़ देना चाहिए। जबकि दुनिया आने वाले वर्षों में एक बड़ी और साफ भारतीय अर्थव्यवस्था की अपेक्षा कर सकती थी।” उन्होंने यह भी कहा कि जब साल 2014 में एनडीए की सरकार सत्ता में आई थी, वैश्विक निवेशकों ने बढ़ते भ्रष्टाचार और स्कैंडल के कारण भारत पर से भरोसा खो दिया था।

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