गाजियाबाद : नोएडा के बहुचर्चित निठारी कांड से जुड़े 9वें मामले में भी सीबीआई की विशेष अदालत ने सुरेंद्र कोली को मौत की सजा सुनाई है। काेर्ट ने सुरेंद्र कोली के मालिक मनिंदर सिंह पंधेर काे भी फांसी की सजा दी है।
गाजियाबाद की विशेष सीबीआई अदालत ने शुक्रवार को अंजलि हत्याकांड मामले में मोनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोलीको फांसी की सजा सुनाई है। अदालत ने दोनों को आईपीसी की धारा 364, 302, 376, 120 बी और 201 के तहत दोषी करार दिया था।
सीबीआई कोर्ट ने अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अंजलि हत्याकांड को रेयरेस्ट ऑफ द रेयर माना और दोनों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई। कोर्ट ने फैसले में कहा कि दोनों दोषियों को तब तक फांसी के तख्ते पर लटकाया जाए, जब तक उनके प्राण ना निकल जाएं।
अंजलि का मामला नोएडा की निठारी सीरीज ऑफ़ कैसेज का 9वां और चर्चित केस है। 2007 से यह मामला कोर्ट में चल रहा है। कोर्ट ने गुरुवार को मनिंदर सिंह पंढेर और सुरेंद्र कोली को दोषी करार दे दिया। वकील की मानें तो 25 वर्षीय मृतका अंजलि वहां घरेलू नौकरानी के रूप में काम करती थी।
अचानक अंजलि पंधेर की कोठी के सामने से गायब हो गई थी। पुलिस ने उसकी गुमशुदगी दर्ज की थी। बाद में निठारी कांड का खुलासा होने के बाद नोएडा की डी 5 कोठी में कपड़े और मानव खोपड़िया मिली थीं। जिसकी जांच फॉरेंसिक लैब से कराये जाने पर मृतक महिला की खोपड़ी बरामद होने की पुष्टि हुई थी।
बता दें कि भारत के इतिहास में अपने आप में यह पहला एेसा मामला है जिसमे किसी मुजरिम को अलग-अलग मामलों में नाै बार फांसी की सजा सुनाई गई हो।