फेसबुक नए यूज़र को अकाउंट खोलने के लिए आधार कार्ड इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित कर रहा है। घबराइए मत! फेसबुक ने अपने अकाउंट को आधार नंबर से जोड़ने की कोई योजना नहीं बनाई है। बल्कि यह सोशल मीडिया कंपनी यूज़र को आधार की तरह फेसबुक प्रोफाइल में भी पूरा नाम इस्तेमाल करने के लिए कह रही है। अभी इसकी टेस्टिंग ही चल रही है। दरअसल, फेसबुक के इस कदम को फर्जी प्रोफाइल पर रोक-थाम लगाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि भारत में फेसबुक को करीब 24 करोड़ लोग इस्तेमाल करते हैं। यूज़र की संख्या के हिसाब से भारत, अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है।
ख़ास बातें
इसे फर्जी प्रोफाइल पर रोक-थाम लगाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है
नया अकाउंट बनाते वक्त ‘name as per Aadhaar’ का सुझाव दिया जा रहा है
मोबाइल पर नया अकाउंट खोलते वक्त अभी हर यूज़र को नहीं मिल रहा है मैसेज
फेसबुक की मोबाइल साइट पर जब यूज़र नया अकाउंट बनाते हैं तो उस वक्त ‘name as per Aadhaar’ का सुझाव दिया जा रहा है। दरअसल, इस टेस्टिंग के बारे में सबसे पहले जानकारी रेडिट और ट्विटर के कुछ यूज़र ने दी। गौर करने वाली बात है कि फेसबुक मोबाइल साइट पर नया अकाउंट खोलते वक्त अभी हर यूज़र को यह मैसेज नहीं मिल रहा है। हमने भी अकाउंट खोलने की कोशिश की लेकिन हमें यह मैसेज नहीं मिला।
फेसबुक के एक प्रवक्ता ने गैजेट्स 360 को बताया, “हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि यूज़र उसी नाम का इस्तेमाल करें, जिनसे उन्हें पहचाना जाता है, ताकि दोस्तों और परिवार के सदस्यों से जुड़ना आसान रहे। अभी छोटे स्तर पर इसकी टेस्टिंग चल रही है। हम यूज़र को आधार कार्ड वाले ही नाम को इस्तेमाल करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। यह वैकल्पिक सुझाव है। आधार कार्ड वाले ही नाम को इस्तेमाल करना अनिवार्य बिल्कुल नहीं है।”
मोबाइल पर फेसबुक साइट इस्तेमाल करने वालों की संख्या बहुत कम है। इन यूज़र को ही अभी यह मैसेज दिया जा रहा है। प्रवक्ता ने ज़ोर देकर कहा है कि नाम को आधार की तरह लिखना अनिवार्य नहीं है। वैसे, फेसबुक यही चाहता है कि यूज़र अपने वास्तविक नाम का ही इस्तेमाल करें।
साफ कर दें कि फेसबुक द्वारा सिर्फ आधार पर दिए गए नाम को इस्तेमाल करने को कहा जा रहा है। इसके अलावा आधार संबंधित कोई और जानकारी नहीं मांगी जा रही है। ऐसे में आधार से संबंधित प्राइवेसी के उल्लंघन का कोई सवाल नहीं उठता। वैसे, हम आम तौर पर ऐप या इन सेवाओं से संबंधित प्रक्रिया के बारे में रिपोर्ट नहीं करते हैं। लेकिन प्राइवेसी और आधार से जुड़े विवाद को देखते हुए फेसबुक का यह कदम सार्वजनिक करना ज़रूरी समझा गया।