एक अनाथ बच्ची से हैवानियत की सभी हदें पार कर दी गईं। डेढ़ महीने में बच्ची से एक दर्जन से ज्यादा लोगों ने दुष्कर्म किया। इसके बाद धनबाद में एक रात में छह युवकों ने मिलकर दुष्कर्म किया। मंगलवार शाम ऑटो स्टैंड से महिला के साथ पकड़ी गई नाबालिग की दास्तान सुनकर पुलिसवालों के भी रोंगटे खड़े हो गए।
घरेलू कामकाज का काम दिलाने का झांसा देकर नाबालिग को वेश्यावृत्ति के दलदल में धकेलने वाली गिरिडीह नगड़ी निमियाघाट निवासी आशा देवी को रेल पुलिस ने मंगलवार को स्टेशन के बाहर ऑटो स्टैंड से गिरफ्तार किया था। उसके निशानदेही पर छह दुष्कर्मियों को दबोच कर बुधवार को जेल भेजा। जेल भेजे गए आरोपियों में बरटांड़ में ठेले पर फल बेचने वाला महुदा निवासी विजेंद्र कुमार लोहानी , इसरी बाजार का प्रतीक कुमार, महुदा का समरुद्दीन शेख, बगोदर तिरला मोड़ का अब्दुल गफ्फार, रांची में रहने वाला भूली बस्ती का अशोक लोहार और गिरिडीह डुमरी का मुकेश कुमार शामिल है। पुलिस इस मामले में रांची का राजू मछुआ व प्रमोद सहित अन्य आधा दर्जन से अधिक आरोपियों की तालाश कर रही है।
रेल डीएसपी संजीव कुमार बेसरा और धनबाद रेल थाना प्रभारी हरि नारायण सिंह ने बताया कि स्टेशन पर ऑटो वाले की सूचना पर आशा देवी को पकड़ा गया था। आशा के मोबाइल से मिले नंबर के आधार पर पुलिस ने मंगलवार को धनबाद, महुदा और बगोदर आदि क्षेत्रों में छापेमारी की। रांची पुलिस के सहयोग से एक अशोक को दबोचा गया।
चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने नाबालिग और आशा देवी से पूछताछ की। तीन बच्चों की मां आशा ने कमेटी के सदस्यों को बताया कि 2017 में होली के समय उसका पति से विवाद हो गया। इसके बाद वह लोहरदगा चली गई। वहां लॉटरी का धंधा किया। लॉटरी का धंधा बंद होने के बाद वह निमियाघाट आ गई। यहां एक महिला से उसकी मुलाकात हुई। फिर वह सेक्स रैकेट चलाने लगी। अशोक की मदद से रांची में और राज और सरुद्दीन की मदद से धनबाद में धंधा कर रही थी।