पटना : आज 21वीं सदी में भी लोग अंधविश्वास पर विश्वास कर लेते हैं। जिससे कभी कभी उन्हें काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है फिर भी अंधविश्वास के खेल से उनका भरोसा नहीं उठता। कुछ इसी तरह के अंधविश्वास के खेल का मामला बिहार के पूर्णिया जिले में देखने को मिला जहां नदी में डूबने के कारण दो लड़के की मौत हो गई थी। मौत के बाद परिजन उसे दफनाने के लिए शमशान ले जा रहे थे तभी वहां कुछ ओझा पहुंचे तो उसे पुनर्जीवित करने की बात बताई। जिसे सुनने के बाद परिजनों में आश जगी और ओझा के बातों में आकर उन्होंने बीच सड़क पर दोनों की लाश को रख दिया। फिर ओझा का अंधविश्वास का खेल शुरू हुआ और घंटे तक चला ।इस दौरान सैकड़ों ग्रामीणों ओझा के ड्रामे को देख रहे थे तो मामले की जानकारी मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस भी उसे रोकने की हिम्मत नहीं जुटा पाई। कई घंटे तक चली हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद जब दोनों मृत जीवित नहीं हो पाए तो डायन का बहाना बनाते हुए ओझा वहां से निकल गया। फिर परिवार वाले ढोंगी ओझा की बात करते हुए दोनों बच्चे की लाश को अंतिम संस्कार किए।
मिली जानकारी के अनुसार मामला पूर्णिया जिले के टीकापट्टी का है जहां दो दोस्त गरीब घाट की नदी में नहाने गए थे। नहाने के दौरान नदी में उनका संतुलन खो गया और वह दोनों डूब गए। दोनों लड़के की डूबने की खबर जैसे ही गांव वालों ने सुनी नदी की तरफ दौरे हुए पहुंचे और दोनों को नदी से बाहर निकाला। तथा इलाज के लिए उसे रूपौली रेफरल अस्पताल ले गए जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टरों के द्वारा मृत घोषित करने के बाद गमगीन परजन उसकी लाश को लेकर शमशान की तरफ निकल पड़े ।जहां रास्ते में कुछ साधु मिला और उसे फिर से जिंदा करने की बात कही। मायूस परिजन ढोंगी तांत्रिक के चक्कर में पड़ गए और दोनों लड़के के लाश को उसके हवाले कर दिया ।जहां बीच सड़कों पर रखकर लगभग कई घंटो तक अंधविश्वास का खेल खेला गया लेकिन जब लाश जिंदा नहीं हुआ तो सभी डायन की बात बताते हुए वहां से निकल गए। जब ढोंगी के द्वारा अंधविश्वाश का खेल खेला सैकड़ों लोग उपस्थित थे इस वजह से आने जाने वाली सड़कें जाम हो गई ।जब इस बात की सूचना नजदीकी थाने को मिली तो वह भी वहां पहुंची लेकिन पुलिस भी इस अंधविश्वास के खेल को रोकने का हिम्मत नहीं जुटा पाई।