नई दिल्ली (टेक डेस्क)। साइबर अटैक के मामले में भारत दुनिया में चौथे पायदान पर पहुंच गया है। साइबर अटैक के मामले में दुनियाभर के 10 सबसे संवेदनशील देशों की सूची में भारत को चौथा स्थान मिला है। क्लाउड डिलीवरी नेटवर्क प्रोवाइडर अकामई टेक्नोलॉजीज के मुताबिक नवंबर 2017 से लेकर अप्रैल 2018 के बीच देशभर में साइबर अटैक की घटना में बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान करीब 2.8 करोड़ साइबर अटैक के मामले सामने आए हैं। जिसकी वजह से भारत 8वें से चौथे पायदान पर पहुंच गया है।
साइबर सिक्योरिटी डिफेंडर्स को इन दिनों बड़ी संख्या में साइबर अटैक का सामना करना पड़ रहा है। इसमें सबसे ज्यादा मामले बोट-बेस्ड डिस्ट्रिब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विसेज (DDoS) के हैं। वेब अटैक रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में रूस, चीन और इंडोनेशिया के बाद भारत में सबसे ज्यादा क्रेडेंशियल्स उल्लंघन के मामले सामने आए हैं। इनमें आधे से ज्यादा मामले ट्रैवल इंडस्ट्री (होटल्स, क्रूज लाइन्स, एयरलाइन्स और ट्रैवल साइट्स में क्रेडेंशियल्स उल्लंघन) में आए हैं।
अकामई रिसर्चर के मुताबिक करीब 112 बिलियन यानी लगभग 1 लाख 12 हजार करोड़ बॉट रिक्वेस्ट और 3.9 बिलियन यानी 390 करोड़ मेलिसियस लॉग-इन अटेम्प्ट सिर्फ ट्रैवल इंडस्ट्री में टारगेट किए गए हैं। रुस, चीन और इंडोनेशिया में पहले से ही साइबर हमले होते आ रहे हैं, लेकिन भारत में साइबर अटैक के मामले में बढ़ोतरी चिंता का विषय है। अकामई के मुताबिक पिछले साल DDoS अटैक के मामलों में 16 फीसद की बढ़ोतरी देखने को मिली है।
भारत में ज्यादातर यूजर्स स्मार्टफोन पर इंटरनेट का इस्तेमाल करने लगे हैं। ऐसे में स्मार्टफोन के हैक होने से इस तरह के साइबर अटैक के मामले बढ़ने लगे हैं। भारत में ज्यादातर स्मार्टफोन यूजर्स एंड्रॉयड स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं। स्मार्टफोन को हैक होने से बचाने के लिए इस लिंक पर दिए गये स्टेप्स को फॉलो करें।