नई दिल्ली: पिछले दो-तीन महीनों में केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर विपक्ष के साथ साथ अपनों ने भी कई हमले किए। अकसर हमलावर रहने वाली बीजेपी आर्थिक मोर्चे पर हमलों पर बचाव की मुद्रा में आ गए। कारण थे देश की अर्थव्यवस्था और रोजगार से जुड़े कुछ आंकड़े सरकार के कामकाज और नीतियों पर सवाल उठा रहे थे। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी सरकार के सत्ता में आने के तीन साल बाद एक अहम फैसला लेते हुए आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) का गठन किया। जीडीपी में आई गिरावट के बाद पीएम मोदी द्वारा गठित आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) की पहली मीटिंग आज होने जा रही है। खबरों के मुताबिक, इसमें आर्थिक विकास को तेजी देने और देश में नौकरियों के अवसर बढ़ाने पर चर्चा हो सकती है।
EAC-PM को 25 सितंबर को पीएम मोदी द्वारा गठित किया गया था। आज होने वाली बैठक में वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम भी मौजूद होंगे। उनके साथ इसमें नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबराय (EAC-PM के चेयरमैन) भी होंगे। मीटिंग में आर्थिक मामलों के जानकार सुरजीत भल्ला, राथिन रॉय, आशिमा गोयल और रतन बटवल भी उपस्थित होंगे।
सरकार ने आर्थिक सलाहकार परिषद का गठन ऐसे समय में किया है जब अप्रैल-जून तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर घटकर 5.7 फीसदी पर पहुंच गई है, जो कि मई 2014 के बाद सबसे कम है। मालूम हो कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में बनी ईएसी के अध्यक्ष पूर्व आरबीआई गवर्नर सी रंगराजन थे। 2014 में यूपीए के सत्ता से हटने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।