इटानगर : अरुणाचल प्रदेश के विजयनगर शहर में रहने वाले लोग एक सीमेंट की बोरी के लिए 8,000 रुपये की कीमत चुका रहे हैं।अरुणाचल प्रदेश में बना यह गांव मुख्य सड़क से कटा हुआ है। यहां के लोगों को जरुरी सामान लाने के लिए 156 किमी दूर तक चलना पड़ता है।
पीएचई विभाग कस्बे में शौचालय निर्माण करा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार से 10800 रूपये और राज्य सरकार की ओर से 9200 रूपये दिए जा रहे हैं। लोक स्वास्थ्य इंजीनियरिंग विभाग के कनिष्ठ अभियंता जुमली अदो ने कहा, ‘‘ चकमा लोग अपनी पीठ पर सामग्री ढोकर पांच दिन में 156 किलोमीटर का रास्ता तय कर गंतव्य तक पहुंचते हैं। दिसंबर तक खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) का दर्जा हासिल करने के लिए इस पहाड़ी राज्य में चुनौतियों का अंदाजा लगाया जा सकता है। सभी सामग्रियां भारत-चीन-म्यांमार त्रि-जंक्शन पर चकमास द्वारा नामधाफा राष्ट्रीय उद्यान के माध्यम से विजयनगर पहुंचाई जाती हैं। यहां के लोग सीमेंट की एक बोरी के लिए 8,000 (150 रुपये प्रति किलो) का भुगतान करते हैं।
विजयनगर में केवल 1500 लोग रहते हैं, जो चंगलांग जिले अंतर्गत आता है। इस शहर में कोई उचित संचार व्यवस्था भी नहीं है। लोगों को शहर में पहुंचने के लिए पांच दिनों तक पैदल चलना पड़ता है। हालांकि, यहां एक साप्ताहिक हेलिकॉप्टर सेवा है, लेकिन यह काफी हद तक मौसम की स्थिति के अधीन है।
केंद्र सरकार स्वच्छ भारत के तहत हर घर में शौचालय बनाने को बढ़ावा दे रही है ऐसे में यहाँ के लोगों का जज्बा देखकर सभी को कुछ सिख लेनी चाहिए क्यूंकि यहां के लोगों को शौचालय निर्माण के लिए जरूरी सामान लाने के लिए 156 किमी तक चलना पड़ रहा है फिर भी यहाँ के लोगों का जज्बा बना हुआ है।