शुक्रवार शाम अचानक पूर्वी दिल्ली के गाजीपुर डंपिंग यार्ड का एक हिस्सा कोंडली नहर में जा गिरा। जिसके चलते कई बाइक और स्कूटी सवार महिला नहर में डूब गए। यह इलाका दिल्ली और गाजियाबाद का बॉर्डर है और सुबह-शाम भारी संख्या में लोग इस कूड़े के पहाड़ के किनारे से निकलते थे। दमकल की 6 गाड़ियां मौके पर मौजूद हैं और लोगों को बाहर निकालने के लिए ऑपरेशन चलाया जा रहा है। हादसे में दो लोगों के मौत की खबर है। जबकि 4 लोगों को अब तक मलबे से बाहर निकाला जा चुका है। हादसा इतना भयानक था कि नहर के रास्ते जाने वाले बाइक, कार और जेसीबी मशीन के साथ कई महिला और लोग भी इस नहर में डूब गए। नहर के किनारे लगी जाली तक टूट गई है। फिलहाल मौके पर पुलिस पहुंच चुकी है और जांच में जुट गई है। चश्मदीदों के मुताबिक ऐसा लग रहा था जैसे कूड़े के अंदर कोई गैस बन गई थी। जिस वजह से कूड़े के पहाड़ का एक हिस्सा लोगों पर गिर गया। हादसे के तुरंत बाद स्थानीय लोगों ने नहर में कूदकर कुछ लोगों को बचाया तो कुछ लोगों ने कूड़े में दबे लोगों को बाहर निकाल लिया।
ऐसा लगा जैसे बम फटा
घटना के वक्त कूड़े के ढेर के नजदीक के एक चश्मदीद ने ‘आज तक’ को बताया कि ऐसा लग रहा था जैसे कोई बम फटा हो और अचानक भरभरा कर कूड़े के पहाड़ का एक हिस्सा नहर और उसके बगल की सड़क पर आ गिरा। उसके मुताबिक पूरी दिल्ली का कूड़ा ला-ला कर इसी डंपिंग यॉर्ड में फेंका जाता है इसी वजह से यह ढेर लगातार बढ़ता जा रहा है।
बारिश के कारण बनी गैस
बताया जा रहा है कि बारिश के कारण कूड़े के ढेर में गैस बन रही थी। जिस वजह से यह हादसा हो गया। यह कूड़े का ढेर उत्तर भारत का सबसे बड़ा डंपिंग यॉर्ड है। इसे बंद करने की आवाज कई बार उठ चुकी है क्योंकि डंपिंग यॉर्ड अब कूड़े के पहाड़ में बदल चुका है। यह डंपिंग यॉर्ड 70 एकड़ इलाके में फैला है। 3500 मैट्रिक टन कूड़ा डंप होने की उम्मीद जताई जा रही है। यहां प्रतिदिन 600 से 650 ट्रक कूड़ा आता है।